अश्वगंधा के फायदे एवं उपयोग | Ashwagandha Benefits & Uses in Hindi

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अश्वगंधा के फायदे एवं उपयोग
Ashwagandha Benefits & Uses in Hindi

अश्वगंधा का लैटिन नाम: विथेनिया सोमनीफेरा

संस्कृत नाम: अश्वगन्धा

अंग्रेजी नाम: विण्टर चेरी

अश्वगंधा के गुण:

असगन्ध बलवर्द्धक, रसायन, कड़वी, गरम, वीर्यवर्द्धक तथा वायु, कफ, श्वेतकुष्ठ, शोथ तथा क्षय, इन सबको हरने वाली है।

यह हलकी, स्निग्ध, तिक्त, कटु व मधुर रसयुक्त, विपाक में मधुर और उष्णवीर्य है।

अश्वगंधा का परिचय:

अश्वगंधा आयुर्वेद में उपयोग की जाने वाली एक ओषधि है |

#अश्वगंधा एक सदाबहार झाड़ी है, भारत के राजस्थान , हरियाणा , मध्यप्रदेश , पंजाब और हिमाचल प्रदेश में अश्वगंधा का उत्पादन होता है|

अश्वगंधा का पौधा 4 फीट तक  ऊँचा होता है, तना स्वेताभ वृण का होता है | अश्वगंधा की पतियाँ गोलाईदार, रोमयुक्त सफ़ेद रोएँ  लिए हुए होती है |

इसके फल छोटे हरे , पीले और पकने पर लाल रंग के हो जाते है|

अश्वगंधा के पुष्प पत्र वृंत  के कोण में छोटे – छोटे गुच्छो में लगते है |

इसकी जड़ में एक उड़नशील तेल और वसा पायी जाती है | इसमे बिथेनिओल , शर्करा , राल , सोम्मिफेरिन नामक क्रिस्तेलाईन तत्व और फाईटोस्टेरोल तत्व भी पाए जाते है |

अश्वगंधा के फायदे:

तनाव और चिंता दूर करे:

दिमाग में कोर्टिसोल हॉर्मोन ही सभी चिंता का मुख्य कारण होता है। रिसर्च में पाया गया है कि 25 % तक दिमाग में stress कम कर देता है। साथ ही इसके इस्तेमाल से चिंता भी कम होती है और मन खुशनुमा रहता है।

थायराइड में लाभ:

अश्वगंधा थायराइड ग्रनती को उत्तेजित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके प्रभाव पर एक अधयन मे पता चला है की इसकी जड़ो का एक्सट्रेक्ट,अगर एक दैनिक आधार पर लिया जाए तो थायराएड हार्मोन के श्राव मे विरधि होगी।

शारीरिक कमजोरी को कम करे:

5 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को रोज  रात को सोते समय हल्के गरम दूध के साथ महीने भर तक इस्तेमाल कर के आप बेहतर शरीर पा सकते है |

कैंसर के लिए:

इसकी प्रतिरक्षा बूस्टिंग और एंटीऑक्सीडेंट क्षमता कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करती करती।

इसका रस कीमोथेरेपी के दौरान प्रतिरक्षा प्रणाली पे दबाव पड़ने से रोकता है।

गठिया रोग में फायदे:

गठिया रोग में अश्वगंधा 3 ग्राम चूर्ण का रात्रि के समय दूध के साथ नियमित सेवन करने से गठिया रोग में लाभ मिलता है |

अश्वगंधा के 30 ग्राम ताजा पतों को 250 ml पानी में उबाले जब पानी आधा रह जाए तब इसका सेवन सप्ताह भर के लिए गठिया से दुखते जॉइंट्स ठीक हो जायेंगे |

क्षय (टी बी) रोग में फायदे:

अश्वगंधा के 2 ग्राम चूर्ण को अश्वगंधा के 20 ml काढ़े के साथ इस्तेमाल करने से टी.बी. में आराम मिलता है |

2 ग्राम अश्वगंधा का चूर्ण के साथ 1 ग्राम बड़ी पिप्पल का चूर्ण मिलाकर ,  5 ग्राम घी और 10 ग्राम शहद के साथ प्रयोग करे | ध्यान दे घी और शहद की मात्रा बराबर नहीं होनी चाहिए |

प्रदर रोग में  फायदे:

महिलाओ के प्रदर रोग में भी अश्वगंधा सेवन लाभ देता है |

अश्वगंधा और शतावरी का बराबर मात्रा में सेवन करने से भी प्रदर रोग में फायदा मिलता है |

शीघ्रपतन रोग में फायदे:

शीघ्रपतन के लिए अश्वगंधा के 3 ग्राम चूर्ण में बराबर मात्रा में चीनी मिलाकर सुबह के समय गाय के दूध के साथ निरंतर एक महीने तक इस्तेमाल करे | शीघ्रपतन जड़ से ख़त्म हो जायेगा |

वीर्य विकार में फायदे:

कमजोर वीर्य के पुरुषों को अश्वगंधा 25 ग्राम विधारा – 25 ग्राम और शतावरी – 25 ग्राम इन सभी को मिलाकर चूर्ण बना ले |

इस चूर्ण में 75 ग्राम चीनी मिलादे और सुबह शाम 5 ग्राम की मात्रा में दूध के साथ सेवन करे |

वीर्य के सभी प्रकार के विकारों में लाभ मिलेगा |

अश्वगंधा के नुकसान:

इसे थायरॉयड दवाओं के साथ लेने से अतिरिक्त थायरॉयड हार्मोन पैदा हो सकता है, जो रोगी के लिए समस्या पैदा कर सकता है।

अश्वगंधा का उपयोग करने पर, पेट में जलन सबसे आम साइड इफेक्ट है। तो, यदि आपके पेट मे अल्सर हैं तो इसका उपयोग ना करें।

 


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Shivesh Pratap

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One thought on “अश्वगंधा के फायदे एवं उपयोग | Ashwagandha Benefits & Uses in Hindi

  1. Great Blog!! Aap ne bahut hi mahatvpurn jankari share ki hai ye bahut se logo ko help karegi. Thanks for sharing this information.

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