करी पत्ता (कढ़ी पत्ता) के फायदे एवं उपयोग
Benefits and Use of Curry leaves in Hindi
करी पत्ता या मीठा नीम सब्जी, दाल आदि में खुशबू और स्वाद के लिए तड़के में डाला जाता है। इसकी चटनी भी बनाई जाती है। कढ़ी पत्ता सिर्फ खुशबू और स्वाद ही नहीं देता बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी कढ़ी पत्ता बहुत लाभदायक होता है।
वानस्पतिक नाम: मुरैया कोइनिगी (एल)स्प्रेनजेल
संस्कृत नाम : कऋष्ण
English: Curry leaves
परिवार: रुतासी (Rutaceae)
वाणिज्यिक अंग: पत्ता
करी पत्ता (कढ़ी पत्ता) का परिचय:
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यह पेड़ छोटा होता है जिसकी उंचाई 4-6 मीटर होती है और जिसके तने का व्यास 40 सें.मी. तक होता है।
- इसकी पत्तियां नुकीली होतीं हैं, हर टहनी में 11-21 पत्तीदार कमानियां होती हैं और हर कमानी 2-4 सें.मी. लम्बी व 1-2 सें.मी. चौड़ी होती है।
- इस प्रजाति को वनस्पतिज्ञ जोहान कॉनिग का नाम दिया गया है।
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कढ़ी पत्ता से प्रोटीन, मैग्नेशियम, कैल्शियम,फॉस्फोरस, आयरन, कॉपर आदि मिलते है। इसके अलावा इससे विटामिन C , विटामिन A , विटामिन B , विटामिन E प्राप्त होते है।
करी पत्ता (कढ़ी पत्ता) का वृक्ष और उत्पादन:
- उष्णकटिबंधीय तथा उप-उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में पाया जाने वाला रुतासी Rutaceae परिवार का एक वृक्ष है जो मूलतः भारत का देशज है।
करी पत्ता (कढ़ी पत्ता) का उपयोग:
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दक्षिण भारत एवं पश्चिमी-तट के राज्यों और श्री लंका के व्यंजनों के छौंक में, खासकर रसेदार व्यंजनों में, बिलकुल तेज पत्तों की तरह, इसकी पत्तियों का उपयोग किया जाता है|
- इस पौधे के पत्ते, छाल और जडों का प्रयोग देशी दवाइयों में टॉनिक, उत्तेजक, वातहर और क्षुधावर्धक के रूप में किया जाता है।
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इनके औषधीय गुणों में ऐंटीडायबिटीक, ऐंटीऑक्सीडेंट, ऐंटीमाइक्रोबियल, ऐंटी-इन्फ्लेमेटरी, हिपैटोप्रोटेक्टिव, ऐंटी-हाइपरकोलेस्ट्रौलेमिक शामिल हैं।
- #करी पत्ते का इस्तेमाल बालों के लिए एक प्राकृतिक टॉनिक के रूप में भी किया जा सकता है। यह एक उत्कृष्ट टॉनिक है जो कि बालों को अंदर से आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करके उनके विकास को बढ़ावा देने के रूप में काम करता है।
करी पत्ता (कढ़ी पत्ता) का फायदे:
- करी पत्ता लीवर को सशक्त बनाता है । यह लीवर को बेक्टिरिया तथा वायरल इन्फेक्शन से बचाता है। इसके अलावा यह फ्री रेडिकल्स , हेपेटाइटिस , सिरोसिस आदि कई प्रकार की बीमारियों से लीवर को बचाता है।
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उल्टी और अपच में कढ़ी पत्ते को नींबू के रस और चीनी के साथ लेना फायदेमंद होता है।
- करी पत्ता में विटामिन A होता है जो आँखों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से रतोंधी नामक बीमारी हो सकती है आँखों की रौशनी कम हो सकती है और भी बहुत सी परेशानियां हो सकती है।
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अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं और कोई उपाय नहीं सूझ रहा है, तो रोज कुछ पत्तियां चबाएं।
- करी पत्ता में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट तथा फेनोल्स पाए जाते है जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाते है। करी पत्ता के विशेष तत्व ल्यूकेमिया , प्रोस्टेट कैंसर तथा कोलोरेक्टल कैंसर आदि से बचाव करने में सक्षम पाए गए है। कई प्रकार के विटामिन की मौजूदगी भी ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस तथा फ्री रेडिकल्स के नुकसान से बचाते है।
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दस्त, पेचिश और बवासीर में नरम कढ़ी पत्तियों को शहद के साथ लेने पर आराम मिलता है।
- डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए सुबह दस ताजे कढ़ी पत्तों का सेवन नियमित रूप से तीन महीने तक करें|