पूर्वोत्तर की पहाड़ियां:
अरुणाचल प्रदेश में शिवालिक के विखण्डित स्वरूप में उपस्थित 4 पहाड़ियां पश्चिम से पूर्व की ओर;
- डफला,
- मिरी,
- अबोर,
- मिश्मी वहां की 4 जनजातियों के नाम से हैं।
इसके बाद ब्रम्हपुत्र नदी, दिहांग गार्ज से भारत में प्रवेश करती है और उसके बाद हिमालय, उत्तर से दक्षिण में मुड़ जाता है।
पूर्वोत्तर में उत्तर से दक्षिण में फैले हिमालय में कई पहाड़ियों के अलग अलग नामों से अलग अलग राज्यों में मौजूद हैं।
उत्तर से दक्षिण में क्रमशः
- पटकोई बूम अरुणाचल में,
- नागा पहाड़ नागालैंड में,
- लैमाटोल मणिपुर में और
- मिजो पहाड़ मिजोरम में मौजूद है।
- लैमाटोल के समानांतर पश्चिम में बरैल पहाड़ी असम राज्य में आता है।
सिक्किम के पहाड़:
सिक्किम के प्रसिद्ध पहाड़ी पश्चिम से पूर्व की ओर गारो, खासी और जयंतिया मौजूद हैं। शिलांग खासी पहाड़ पर बसा हुआ है।
सिक्किम के यह तीनों पहाड़ वास्तव में शिलांग पठार पर बसे हुए है और हिमालय का हिस्सा न होकर यह भारतीय प्रायद्वीपीय पठार का हिस्सा है।
शिलांग पठार बहुत पहले छोटा नागपुर पठार का हिस्सा था जो राजमहल पहाड़ियों के हिस्सा था जिसे बाद में गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के द्वारा हजारों सालों में विभाजित कर अवसाद से मैदानी विभाजन में परिवर्तित कर दिया गया।
आज इसे हम राजमहल-गारो गैप या मालदा गैप के नाम से जानते हैं।
शिलांग पठार के उत्तर पूर्व में असम राज्य में मिकिर और रेंगमा पहाड़ियां मिलती हैं जो शिलांग पठार का ही हिस्सा है।
इसके अलावा पूर्वोत्तर में सिक्किम के दक्षिण में टाइगर हिल नाम की पहाड़ी पश्चिम बंगाल राज्य का हिस्सा है जिसे भी जान लेना जरूरी है।