भाजपा, भारतीय हिंदू समाज की कमजोरी का प्रतिफल है

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संसार भर मेँ समाज या विचार विशेष आधारित राजनैतिक पार्टियोँ की जरुरत अल्पसंख्यको को होती है बहुसंख्यक को नहीं । क्या सउदी अरबिया मेँ इस्लाम आधारित राजनीतिक पार्टी की आवश्यकता है ? अमेरिका, ब्रिटेन मेँ इसाई आधारित राजनीतिक पार्टी की आवश्यकता है ?

द्वितीय सरसंघ चालक परम पूज्य गुरु जी ने इसी कारण राजनीतिक पार्टी की स्थापना को आवश्यक नहीँ माना था क्योंकि सिद्धांतत: वह हिंदू समाज की एकता पर ध्यान देना चाहते थे और उंहेँ पता था कि हिंदू समाज एकत्र होगा संगठित होगा तो राजनीतिक पार्टीया स्वत दासो की भाति बहुसंख्यक हिंदू समाज की सभी बातोँ को मानेंगी ।

राजनीतिक शक्तियाँ हिंदू समाज के तमाम आवश्यकताओं की पूर्ति नहीँ कर सकती हे इसके लिए एकमात्र रास्ता हे जन जागरण एवम समाज का सशक्तिकरण । जो सामाजिक चैतन्यता से आएगा ।

जिस देश की 80 प्रतिशत जनता हिंदू है वहाँ तो सभी राजनीतिक पार्टियोँ को हिंदू संस्कृति को आधार मानकर राजनीति करना चाहिए परंतु हिंदू के भीतर जागरुकता न होने के कारण बहुसंख्यक देश मेँ भी हिंदू अल्पसंख्यक बन कर जी रहा है ।

जर्मनी जैसे लोकतांत्रिक देश में भी हर व्यक्ति यह मानता है कि उसकी संस्कृति कट्टरवादी ईसाई विचारधारा ही है और यही कारण है कि जर्मनी के सभी चर्चों को जर्मन सरकार के द्वारा भारी भरकम अनुदान दिया जाता है ।

जर्मनी मेँ इसाई समाज द्वारा नियमित तौर पर मुसलमानोँ ओर मस्जिदो के विरुद्ध आंदोलन किए जाते हे ओर चेताने की कोशिश की जाती हे जर्मनी हमेशा एक ईसाई राष्ट्र के रुप मेँ अपनी पहचान बनाए रखना चाहता हे ।

जर्मनी के ड्रेस्डेन शहर मेँ अभी हाल मेँ ही एक बहुत बडा मार्च का आयोजन किया गया मुसलमानों के विरूद्ध ।

http://edition.cnn.com/2015/01/12/europe/germany-anti-islam-marches/

भारत ही संसार का अकेला एसा देश हे जहाँ 80 प्रतिशत आबादी वाले बहुसंख्य हिंदु समाज को अपनी रक्षा के लिए भारतीय जनता पार्टी जैसे दक्षिणपंथी राजनीतिक पार्टी का सहारा लेना पडता है ।

#हुंकार


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Shivesh Pratap

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