मुलेठी का पौधा, फायदे एवं नुकसान
Mulethi Tree Benefits & Side Effects in Hindi
मुलेठी का वैज्ञानिक नाम: ग्लीसीर्रहीजा ग्लाब्र
संस्कृत नाम: मधुयष्टी
अंग्रेजी नाम: लिकोरिस (Licorice)
मुलेठी में पोषक तत्व: इस में विटामिन B, विटामिन E, फॉस्फोरस, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सेलेनियम, सिलिकॉन और ज़िंक जैसे कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
मुलेठी का पौधा परिचय:
#मुलेठी एकऔषधि है। यह एक झाड़ीनुमा पौधा होता है।
मुलहठी अन्दर से पीली, रेशेदार व हल्की गंध वाली होती है। यह स्वाद में मीठी होती है|
#मुलेठी में शक्तिशाली फाइटोकेमिकल्स अर्थात् फ्लैनोनोड्स, चाल्कोन्स, सैपोनिन एवं एक्सनोएस्ट्रोजेन्स की मौजूदगी इसकी औषधीय का मुख्य कारण है।
मुलेठी का उपयोग एवं लाभ (फायदे):
ह्रदय रोगों में लाभ:
लगभग 3-4 ग्राम मुलेठी का चूर्ण घी या शहद के साथ लेने से ह्रदय रोगों में लाभ होता है|
पेट की इंफैक्शन में लाभ:
इससे पेट के घाव जल्दी भर जाते हैं। पेट के घाव होने पर मुलेठी की जड़ का चूर्ण इस्तेमाल करना चाहिए।
एंटी-अल्सर में लाभ:
यह शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेटिंग गुण के कारण पेट, आंत और मुंह के अल्सर के इलाज के लिए सबसे अच्छी प्राकृतिक औषधीय है।
सर्दी, खांसी व ज़ुकाम में लाभ:
इसके चूर्ण को मुंह के छालों पर लगाने से आराम मिलता है|
मुलेठी को चूसने से गले की खराश ठीक होती है।
सर्दी के मौसम में अक्सर लोग सर्दी, खांसी व ज़ुकाम से पीड़ित रहते हैं। इससे बचने के लिए थोड़े से शहद में मुलेठी का चूर्ण आधा चम्मच मिलाकर सेवन करने से भी बहुत आराम मिलती है।
खांसी की समस्या होने पर मुलेठी को काली-मिर्च के साथ खाने से कफ में आराम मिलता है।
शारीरिक कमज़ोरी में लाभ:
6 ग्राम मुलेठी के चूर्ण को 30 ग्राम दूध के साथ मिलाकर सेवन करें। इससे शारीरिक कमज़ोरी में लाभ होगा |
-उलटी होने पर मुलेठी का टुकडा मुंह में रखने पर लाभ होता है|
मुलेठी के नुक़सान:
इसका उपयोग उच्च रक्तचाप, मोटापा, मधुमेह, एस्ट्रोजेन-संवेदनशील विकार, गुर्दा, हृदय या यकृत और मासिक धर्म संबंधी समस्याओं जैसी चिकित्सा शर्तों वाले लोगों द्वारा नहीं किया जाना चाहिए।
जो लोग मूत्रवर्धक पर हैं या हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित हैं, उन्हें मुलेठी से दूर रखना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।