हिप्पोक्रेटीस के अनमोल विचार | Hippocrates Quotes in Hindi

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हिप्पोक्रेटीस के अनमोल विचार 
Hippocrates Quotes in Hindi

हिप्पोक्रेटीस जीवनी:

नाम: हिप्पोक्रेटीस (Hippocrates)

जन्म: c. 460 BC Kos, Ancient Greece

राष्ट्रीयता: Greek/यूनानी

मृत्यु: c. 370 BC Larissa, Ancient Greece

कार्यक्षेत्र: Physician

उपलब्धियाँ: 

  • हिपोक्रेटिस, या बुकरात, प्राचीन यूनान के एक प्रमुख विद्वान थे।
  •  हिपोक्रेटिस को Father of Modern Medicine (आधुनिक चिकित्सा के पिता ) माना जाता है|

 

 

फ़ादर ऑफ़ मेडिसिन हिप्पोक्रेटीस के प्रेरक कथन:

बुद्धिमान व्यक्ति को स्वास्थय को सबसे बड़ा मानवीय आशीर्वाद मानना चाहिए। भोजन को अपनी दवा बनने दीजिये।

टहलना इंसान की सबसे अच्छी दवा है|

कला लम्बी है, ज़िन्दगी छोटी है।

प्रार्थना सचमुच अच्छी है, लेकिन भगवान् को पुकारते समय इंसान को खुद अपना हाथ बढ़ाना चाहिए।

हर किसी के अन्दर एक डॉक्टर होता है, हमें बस उसे उसके काम में मदद करनी होती है।

ज़रुरत से ज्यादा हर चीज प्रकृति के खिलाफ है।

यदि कोई अपनी अच्छी सेहत चाहता है, तो पहले उसे खुद से पूछना चाहिए कि क्या वो अपनी बीमारी के कारणों को हटाने के लिए तैयार है। केवल तभी उसकी मदद करना संभव है।

प्रकृति खुद में सबसे अच्छी चिकित्सक है।

बीमारी हमारे ऊपर बस ऐसे ही कहीं से नहीं टपक पड़ती। वे रोजाना प्रकृति के खिलाफ किये गए छोटे-छोटे पापों से उपजती है। जब पर्याप्त पाप इकठ्ठा हो जाता है, अचानक से बीमारी सामने आ जाती है।

जिस तरह से भोजन की वजह से क्रोनिक डिजीज होती है, उसी तरह से ये सबसे अच्छा क्योर भी हो सकता है।

बुद्धिमान व्यक्ति को स्वास्थय को सबसे बड़ा मानवीय आशीर्वाद मानना चाहिए। भोजन को अपनी दवा बनने दीजिये।

इंसान की डाइट का हर एक तत्व उसके शरीर पर असर डालता है और किसी न किसी तरह उसे चेंज करता है और इन्ही बदलावों पर उसका पूरा जीवन निर्भर करता है।

सारी बीमारियाँ पेट से शुरू होती हैं।

जहाँ कहीं भी चिकित्सा की कला से प्रेम किया जाता है, वहां मानवता के लिए भी प्रेम होता है।

फिजिशियन इलाज करता है, लेकिन प्रकृति ठीक करती है।

अगर खाने या व्यायाम में कोई कमी होगी तो शरीर बीमार हो जाएगा।

दो चीजों की आदत डालिए: मदद करने की; या कम से कम कोई नुक्सान ना पहुंचाने की

स्वस्थ रहने का रास्ता है रोज एरोमेटिक बाथ और सेंटेड मसाज लेना।

आपका खाना आपका इलाज होना चाहिए और आपका इलाज आपका खाना होना चाहिए।

ये जानना कहीं ज्यादा ज़रूरी है कि किस तरह के व्यक्ति को बीमारी है बजाये इसके कि व्यक्ति को किस तरह की बीमारी है।

हमारे अन्दर की प्राकृतिक ताकतें बीमारियों की सच्ची आरोग्यसाधक होती हैं।

चरम बीमारियों के लिए चरम उपचार बहुत ही उपयुक्त है।

स्वस्थ होना समय का मामला है , लेकिन कभी-कभी ये अवसर की भी बात है।

कुछ न करना भी एक अच्छा इलाज है।

दवाइयों को केमिस्ट के पॉट में छोड़ दें अगर आप मरीज को खाने से ठीक कर सकते हैं।

कभी-कभी क्योर करो, अक्सर ट्रीट करो, हेमशा कम्फर्ट दो।

जब भी डॉक्टर सही ना कर सके, उसे खराब करने से रोका जाना चाहिए।

सत्य जानने के लिए हमें प्रकृति की तरफ ही देखना चाहिए, बीमारी और स्वास्थय के दौरान शरीर को ध्यान से देखना चाहिए।

दरअसल, दो चीजें हैं, ज्ञान और मत; पहले से ज्ञान आता है, दूसरे से अज्ञान।

सबसे बड़ा गुण जो एक भाषा में हो सकता वो है स्पष्टता, और अनजाने शब्दों के प्रयोग से अधिक इसे कुछ और विचलित नहीं करता है।

ज़िन्दगी इतनी छोटी है, कारीगरी सीखना इतना लम्बा।

मरीजों की गलतियों पर भी ध्यान रखिये, जो अक्सर उन्हें बतायी गयी चीजें लेने के बारे में झूठ बुलवाता है।

अगर आप खुद अपने चिकित्सक नहीं हैं तो आप मूर्ख हैं।

बिना ज्योतिष के ज्ञान के एक फिजिशियन को खुद को फिजिशियन कहने का अधिकार नहीं है।

                                                                                                                                                                              हिप्पोक्रेटीस

 


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Shweta Pratap

I am a defense geek

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