गुड़मार की जानकारी, उपयोग एवं लाभ
Gudmar Information, Uses & Benefits in Hindi
वानस्पतिक नाम : Gymnema sylvestre
संस्कृत नाम: मेषश्रृंगी, Madhunashiini, Ajashringi, Ajashringi, Bahalchakshu, Chakshurabahala
अंग्रेजी नाम: Periploca of the wood, Gymnema
कुल (Family): अर्क कुल (Asclepiadaceae)
औषधीय उपयोग भाग: जड़, पत्ते
पौधे का प्रकार : लता (woody climber)
वितरण : हिमालय, मध्य-दक्षिणी भारत, पश्चिमी घाट, कोंकण गोवा, तमिलनाडु और बिहार के कुछ हिस्से में |
गुड़मार की जानकारी:
#गुड़मार एक औषधीय पौधा है जो मध्य भारत, दक्षिण भारत और श्रीलंका का देशज है|
गुड़मार या मेषश्रृंगी एक बहुत उपयोगी जड़ी-बूटी है। आयुर्वेद में इसके पत्तों और जड़ को औषधीय रूप से प्रयोग किया जाता है।
यह जड़ी-बूटी गुड़ अर्थात मीठेपन को नष्ट करती है। इसका सेवन मधुमेह में बढ़ी हुई रक्तशर्करा को कम करता है।
इसके पत्तों, जड़ के चूर्ण और काढ़े को अकेले ही या अन्य जड़ी-बूटियों के साथ प्रयोग किया जाता है।
गुड़मार का उपयोग एवं लाभ:
यह जड़ी-बूटी बहुत सी एंटी-डायबिटिक दवाओं की एक महत्वपूर्ण घटक है।
गुड़मार पाउडर Gudmar Leaf Powder के सेवन से शुगर नियंत्रण में रहती है।
गुड़मार प्लाज्मा, रक्त, वसा और प्रजनन अंगों पर काम करता है। यह मूत्रल और भूख बढ़ाने वाला है।
चरक संहिता के अनुसार: यह स्तन के दूध से दुर्गन्ध को दूर करती है। यह विरेचक है। इसका पौधा, कड़वा कसैला, तीखा, उष्ण, सूजन दूर करने वाला, पीड़ानाशक, पाचक, यकृत टॉनिक, मूत्रवर्धक, उत्तेजक, कृमिनाशक, विरेचक, ज्वरनाशक और गर्भाशय टॉनिक है।
-गुड़मार के पत्ते को दर्द, शोष, पाइल्स, अस्थमा, हृदय के रोगों, कफ, कृमि, कुष्ठ, आँखों के रोग, घाव, दांतों के कीड़ों, प्रमेह, और डायबिटीज के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
#गुड़मार पत्ती को लेने की औषधीय मात्रा 3-6 ग्राम (सूखा पाउडर), १-२ टेबलस्पून (ताज़ी पत्तियां) है।
-गुड़मार की जड़ को अस्थमा, कफ, हृदय के रोग, त्वचा के रोग, पेशाब के रोग, रक्त विकार और प्रमेह के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
इसको लेने की औषधीय मात्रा 1-2 ग्राम तथा काढ़े को 30- 50 ml की मात्रा में लिया जा सकता है।
काढ़ा बनाने के लिए 30 -50 g पाउडर को 200 ml पानी में उबाला जाता है जब तक पानी चौथाई रह जाए। इसे फिर छान कर पीया जाता है।
गुड़मार पाउडर के लाभ:
Gudmar डायबिटीजरोधी Antidiabetic है।
यह खून में ग्लूकोज के लेवल को कम करती है, इन्सुलिन बहाव को बढ़ाती है।
गुड़मार शरीर में ग्लोकोज़ के उपयोग को सही करती है।
यह आंत से शुगर के अवशोषण को रोकती है।
Gudmar बुखार को कम Antipyretic करती है।
Gudmar हृदय के लिए टॉनिक Cardiotonic है।
यह कफ, पित्त, सांस लेने में तकलीफ, आँखों में दर्द आदि को दूर करती है।
गुड़मार सूजन, यकृत-वृद्धि, अपच, कब्ज़, पीलिया, पाइल्स, कृमि ब्रोंकाइटिस, विषम ज्वर, मासिक न आना, पथरी, त्वचा रोग और आँखों के रोगों में प्रयोग की जाती है।
Sir thanks for gudmar informartion