धतूरा का (पौधा) परिचय, उपयोग एवं लाभ
Dhatura Information, Uses & Benefits in Hindi
धतूरा का वैज्ञानिक नाम: दतूरा स्ट्रोमोनियम
कुल (परिवार): Solanaceae
संस्कृत नाम: कनक , धृत , धत्तूर , मातुल
अंग्रेजी नाम: थोर्न एपल (Thorn Apple)
हिन्दी नाम: धतूरा
धतूरा का गुण: यह ज्वर , घाव , कृमी , खुजली , कुष्ट , दामा , जूं आदि का नाश करने वाला होता है।
धतूरे के पौधे का विभिन्न भाग
धतूरा का (पौधा) परिचय:
धतूरे का पौधा सारे भारत में सर्वत्र सुगमता के साथ मिलता है। धतूरा एक पादप है।
इसका पौधा 3 से 4 फुट ऊँचा होता है। इसकी पत्तिया 6 – 7 इंच लम्बा आगि से नुकीली होता है।
धतूरा सफेद, काला, नीला, पीला तथा लाल फूल वाला 5 जातियों का मिलता है।
इसके फल हरे रग के कटहल की तरह अनेक काँटेदार होता है ।इसमें अनेक छोटे छोटे चीपटे सफेद या भूरे बिज होते है।
भगवान शिव की पूजा के लिए लोग धतूरा के फूल और फलों का उपयोग करते हैं।
औषधि गुणों की खान माने जाने वाले धतूरा की जड़, फल, फूल, पत्ता औषधियुक्त हैं।
धतूरा का उपयोग एवं लाभ:
पेट में कीड़े:
150 ग्रस्म में मठ्ठे में धतूरे के ताजे पत्ते के 5 बून्द रस टपका कर सुबह पि जाए । दो से तीन दिनों के प्रयोग के बाद पेट के कीड़े स्वतः मल के रास्ते मर कर बाहर आजायेगें ।
गठिया में लाभ:
धतूरा गठिया रोग में भी बेहद लाभकारी होता है। दर्द होने पर धतूरे के पंचांग का रस निकालकर उसको तिल के तेल में पका लें। जब तेल रह जाए तो इस तेल से मालिश करें।
जोड़ों और दर्द वाले हिस्सों पर अच्छे से मालिश करने के बाद उसपर धतूरे का पत्ता बांध लें। गठिया की समस्या ठीक हो जाएगी।
जुकाम में लाभ:
धतूरे के बिज 50 ग्राम आधा लीटर पैनी में उबाले । जब पैनी लगभग 150 ग्रामबचे तो उसे आग से उतार कर छान ले । फिर उसमें 50 ग्रस्म मुनाक दाल कर आग पर चढ़ा दे जब सारा पानी सुख जाय तो मउनके को धुप में सुख ले और आधा मुनाक रोज खाये इसे जुकाम आवश्य ठीक हो जायेगा ।
मिर्गी और दमा रोग में लाभ:
धतूरे के पत्तों का धूँआ दमा शांत करता है। धतूरे की जड सूंघे तो मिर्गी रोग शाँत हो जाता है।
स्तन की सूजन:
धतूरे के पत्ते के ऊपर पिसी हुई हल्दी लगाले ।फिर उसको हल्का सा गर्म करके सूजन वेस्ली जगह पर बांध दे ।दो तीन तक प्रयोग करने से स्तन का सूजन और दर्द समाप्त हो जाता है ।
गर्भधारण में लाभ:
धतूरे के फलों का चूर्ण 2 .5 ग्राम की मात्रा में बनाकर इसमें आधा चम्मच गाय का घी और शहद मिलकर रोजाना चटाने से स्त्रियों को जल्द गर्भधारण करने में भी मदद मिलती है।
दर्द-निवारक गुण:
सरसों का तेल 250 मिली ,60 मिलीग्राम गंधक और 500 ग्राम धतूरे के पत्तों का स्वरस इनसबको एक साथ धीमी आंच पर पकाएं। जब तेल बचा रहे तब उसे इक्कठा कर कान में एक या दो बूँद टपका दें। इससे कान दर्द में तुरंत लाभ मिलेगा|
सावधनियां:
धतूरा औषधीय गुणों से भरपूर है, लेकिन धतूर विष है और अधिक मात्रा में इसका सेवन शरीर में रुखापन लाता है।
मात्रा से अधिक प्रयोग करने पर सिरदर्द, पागलपन और बेहोशी जैसे लक्षण उत्पन्न करता है और आंखे व चेहरा लाल हो जाता है। शरीर का तापमान बढ़ जाता है।