धनिया के 25 फायदे एवं उपयोग
25 Benefits and Use of Coriander in Hindi
वानस्पतिक नाम: कोरिएन्ड्रम सैटिवम्
अंग्रजी नाम: Coriander
संस्कृत नाम: धन्यका
परिवार: एपियेसी
वाणिज्यिक अंग: पत्ता और बीज
धनिया का परिचय:
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Coriander भारतीय रसोई में प्रयोग की जाने वाली एक सुंगंधित हरी पत्ती है। एवं इसके बीज को सुखाकर सूखे मसाले की तरह प्रयोग किया जाता है।
- इसका पौधा पतले तनोंवाला, छोटा, झाडीनुमा शाक है, 25-50 से.मी. ऊँचे, इसमें कई शाखाएँ व पुष्पछत्र होते हैं।
- इसके फल 3.4 मि.मी. व्यास के गोलाकार होते हैं, जिसे दबाने पर दो भागों, प्रत्येक में एक बीज होता है|
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Coriander प्रोटीन, वसा, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, खनिज आदि पाया जाता है। इसके अलावा हरे धनिए के पत्तियों में कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कैरोटीन, थियामीन, पोटाशियम और विटामिन सी भी पाया जाता है।
धनिया का पौधा एवं उत्पादन:
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Coriander भारत, मोरोक्को, रूस, पूर्वी यूरोपीय देश, फ्रांस, मध्य अमरीका, मेक्सिको और यू एस ए में वाणिज्यिक तौर पर इसका उत्पादन किया जाता है|
- धनिया एक उष्ण कटिबंधी फसल है जो रबी मौसम की फसल के रूप में इसकी खेती सफलता पूर्वक की जा सकती है।
धनिया का उपयोग:
- धनिया के हरे पत्ते का इस्तेमाल व्यंजनो तथा सूप को स्वादिष्ट करने व सजाने के लिए किया जाता है।
- Coriander का बीज मशालो में प्रयोग होता है|
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दवाओं में, वातहर, प्रशीतक, मूत्रवर्ध्दक ओर कामोत्तेजक के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है।
- घरेलू नुस्खों में, मौसमी बुखार, पेट की गडबडियों तथा मिचली के उपचार में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
धनिया के फायदे:
- धनिया की पत्तियों का शरबत पीने से पेशाब में जलन, प्यास, आंखों में जलन, दस्त और गैस शांत होती है तथा मन प्रसन्न रहता है|
- Coriander को ताजी छाछ में मिलाकर पीने से बदहजमी, मतली, पेचिश और कोलाइटिस में आराम मिलता है।
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Coriander में ब्लड़ सुगर को कंट्रोल करने की क्षमता होती है, ऐसा दुनिया भर की कई सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है। धनिया पाउडर, बॉडी से सुगर के स्तर को कम कर देता है और इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ाता है, इससे शरीर में ब्लड़ सुगर हमेशा कंट्रोल में रहती है।
- धनिया, साल्मोनेला बैक्टीरिया को खत्म कर देता है। इस बैक्टीरिया से फूड प्वाइजन जैसे घातक रोग हो जाते है।
- नाक से खून निकल रहा है तो इसकी पत्तियों का रस नाक में डालने से खून निकलना बंद हो जाता है|
- Coriander और जीरे का शरबत पीने से शरीर की गर्मी शांत होती है | इसलिए इस पेय को गर्मियों के मौसम पीया जाता है जिससे लू लगाने का खतरा कम हो जाता है|
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Coriander पाउडर को पानी में घोलकर लगाने से फोडा – फुंसी, दाने और पिंपल में आराम मिलता है। इसकी तासीर ठंडी होती है जिसके चलते इसे लगाने से ठंडक मिलती है और दाने वहीं के वहीं बैठ जाते है।
- धनिया के सूखे बीज को पानी में उबाल कर छान लें और ठंडा करें, इस पानी को पीने से कोलेस्ट्रोल का स्तर कम करने में मदद मिलती है।
- शरीर में कमजोरी महसूस हो और चक्कर आते हों तो दो चम्मच धनिया के रस में दस ग्राम मिसरी व आधी कटोरी पानी मिलाकर सुबह-शाम लेने से फायदा होता है।
- हरा धनिया पीसकर, गंजे पर लेप करें। कुछ दिनों के इस उपचार से बाल आने लगते हैं और ये प्रयोग किया जा चुका है।
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धनिया पाउडर या धनिया की पत्तियां, झुर्रियों को दूर भगाती है। इनमें एंटी – ऑक्सीडेंट काफी मात्रा में होता है जिसके चलते इन्हे लगाने से त्वचा में खिचांव आ जाता है। इसे लगाने से चेहरे पर कोई दाग भी नहीं पड़ता है।