कल हमारे बस्ती जिले मेँ घाघरा नदी मेँ करीब 40 लोग से भरी हुई १ नाव पलटने से 11 लोगोँ की मृत्यु हो गई परंतु कक्षा 6 मे पढने वाले एक बच्चे ने 12 लोगोँ की जान बचाई | यह निश्चय ही साहस एवं वीरता का परिचय हेँ ।
एक ओर जहाँ मौत का कोहराम मचा हो वहाँ हर व्यक्ति डरकर सबसे पहले स्वयम की रक्षा की बात सोचेगा परंतु सोनू ने जिस तरह इतने लोगोँ की जान बचाई वाकई काबिले तारीफ हेँ ।
सोचने की बात है की सोनू यदि पब्लिक स्कूल मेँ पढ़ने वाला विद्यार्थी होता तो उसके अंदर इस प्रकार की निर्भीकता एवम साहस का विकास होता हे कि वह इतने लोगोँ की जान बचा सकता ? आज १२ किलो का बैग लादे उंघते हुए बस का इंतज़ार करते बच्चे यदा-कदा दीखते हैं | उनकी जिन्दगी 2BHK से शुरू होकर स्कूल के १० बच्चों पर ख़त्म हो जाती है |ऐसे बच्चे अपना मनोरंजन माँ बाप से छुप कर इन्टरनेट पर सेक्स की जानकारी जुटाकर करते हैं | छिपकली देखकर डरने वाली ये ब्रेड-जैम की पीढ़ी में इतना साहस कहाँ ???
यह जरुर है की सोनू यदि DPS का विद्यार्थी होता तो मीडिया आज उसे देश के हीरो बना चुकी होती परंतु सोनू जैसे हजारोँ बच्चो की वीरता शायद ग्रामीण परिवेश मेँ एवम प्राइमरी और मिडिल स्कूल मेँ दबकर खत्म हो जाती हे परंतु फिर भी मैं इस वीर बालक को नमन करता हूँ ।