बच्चों का दूध छुड़ाने के उपाय | स्तनपान कैसे छुडाये
बच्चों का दूध (स्तनपान) छुडवाने के लिए आपका और आपके बच्चे का आपसी तालमेल ही उपाय है|
आप समय समय पर उसे फल, सब्जी, जूस दें और समय अंतराल में स्तनपान भी कराये | एक दम से बंद करने से बच्चा या तो चिडचीडा हो जायेगा या उसके स्वास्थ्य पर भी फर्क पड सकता है|
ऊपरी चीज से उसका पेट भरे रखें तभी स्तनपान की सख्या धीरे धीरे कम करे बच्चे को समझाएं|
डेढ साल तक बच्चो को स्तनपान कराया जाता है जो उसके जीवन के लिए आवश्यक है।
बच्चों के अनुभव को कड़वा बनायें:
स्तनपान छुड़ाने की कोशिश करने के बाद भी बच्चा स्तन से दूध पीने की जिद करे तो स्तन पर कुछ ऐसा लगाया जा सकता है जिसका स्वाद शिशु को पसंद न हो लेकिन उससे शिशु को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होना चाहिए। जैसे हल्दी , नमक , करेले का रस , नीम का रस आदि लगाकर बच्चों के अनुभव को कड़वा बनाया जा सकता है। इससे शिशु स्तन मुंह में लेते ही अपने आप छोड़ देगा। उसे बतायें की अब यह जगह ठीक नहीं है और उसे अन्य तरीके से ही खाना लेना होगा। धीरे धीरे उसकी स्तनपान की आदत छूट जाएगी।
स्तनपान छुड़ाने में कितना समय लगता है?
यह माँ और बच्चे के आपसी तालमेल पर निर्भर होता है। कुछ बच्चे जल्दी छोड़ देते है तो कुछ बच्चे देर से छोड़ते है। दो तीन महीने की कोशिश से सफलता मिल जाती है। किसी किसी बच्चे को स्तन के दूध की बहुत ज्यादा जरुरत महसूस होती है। ऐसे बच्चे के साथ थोड़ा अधिक समय लग सकता है। बच्चे का दूध एकदम से बंद नहीं करना चाहिए अन्यथा बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है जो आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है|
रात में स्तनपान न कराएं:
दूध छुड़ाने के लिए आपकी यह कोशिश होनी चाहिए कि शिशु को रात में दूध पीने न दें। क्योंकि, बच्चे सबसे ज्यादा ज़िद रात के समय ही करते हैं। ऐसे में, आपकी यह कोशिश होनी चाहिए कि आप बच्चे को सोने से पहले कुछ ठोस पदार्थ या बाहरी दूध पीला कर शिशु का पेट भर दें। जिससे कि वह स्तनपान करने की जिद न करे।
अनाज से करें शुरुवात:
घर के खाने में दाल का पानी , केला , चावल आदि अच्छे से मसल कर इनसे शुरुआत की जा सकती है। इन्हे अच्छे से मसल कर पीस कर या
छान कर दिया जाना चाहिए ताकि पचने में आसानी हो। आहार को पतला करके देना चाहिए ताकि वह आसानी से निगला जा सके। शुरू में
मात्रा कम रखनी चाहिए। जरूरत के हिसाब से और शिशु की पसंद नापसंद के अनुसार उसे अतिरिक्त आहार देना चाहिए। लेकिन उसका
मुख्य आहार स्तन का दूध ही रखें। इस समय बोतल , सिपर या कप से दूध पिलाना भी शुरू किया जा सकता है। थोड़ा धैर्य रखना पड़ता है।
बच्चा धीरे धीरे इनसे तरल पदार्थ लेना सीख जाता है।