शतावर का पौधा, उपयोग एवं लाभ | शतावर की जड़

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शतावर का पौधा, उपयोग एवं लाभ
शतावर की जड़

शतावर का वानस्पतिक नाम:  एस्पैरागस ऑफ़ीशिनैलिस (Asparagus officinalis)

संस्कृत नाम: शतमुली, शतावरी

हिन्दी नाम: सतावर, सतावरी

अंग्रेजी नाम: इंडियन एस्परगस

आयुर्वेद गुण: 

शतावर मधुर , कटु , चिकनी , शीतल , पौष्टिक , वीर्यवर्ध्दक , बलकारक , नवयौवन प्रदायक होता है |

इसके सेवन से बलवीर्य में बृद्धि होती है और पुरुषो में मर्दाना ताकत बढ़ जाती है ।

यह स्त्रियों के गर्भाशय शक्ति प्रदान करती है और माता के स्तनों में दूध बढ़ाती है ।

#शतावर मस्तिष्क, नेत्र, ह्रदय, नाड़ी आदि के समस्त रोगों को दूर करके उन्हें शक्ति प्रदान करती है ।

शतावर का पौधा:

शतावर एक औषधीय पौधा है यह भारत के कई भागों में प्रक्रति अवस्था में खूब पाई जाती है |

यह पौधा झाड़ीदार, कांटेदार लता होता है। इसकी शाखाएं पतली होती है |

पत्तियां सुई के समान होती हैं जो 1.5-2.5 सेमी तक लम्बी होती हैं। इसके कांटे टेढ़े तथा 6-8 सेंमी लम्बे होते है |

इसके फूल सफेद या गुलाबी रंग के सुगंधयुक्त, छोटे, अनेक शाखाओं वाले डंठल पर लगते है |

शतावर का फल मटर के समान 1-2 बीज युक्त होते हैं। इसकी जड़े कन्दवत 20-30 सेंमी लम्बी, 1-2 सेंमी मोटी तथा गुच्छे में पैदा होती हैं।

शतावर का उपयोग एवं लाभ:

मधुमेह:

शतावरी की जड़ों के चूर्ण का सेवन दूध के साथ नियमित लिया जाए तो यह काफी फायदेमंद होगा।

प्रदर रोग में उपयोग: 

2-3 दिन सुबह-शाम शतावरी चूर्ण 5 ग्राम से 10 ग्राम की मात्रा में थोड़े से शुद्ध घी में मिलाकर चाटने व कुनकुना गर्म मीठा दूध पीने से प्रदर रोग से जल्दी से छुटकारा मिलता है।

शक्‍तिवर्धक:

अगर इसमें पत्‍तो के रस 2 चम्‍मच दूध में मिला कर दिन में 2 बार लें, तो यह शक्‍ती प्रदान करता है।

पेशाब में खून आना:

शतावरी का चूर्ण एक कप दूध में डालकर अच्छे से उबालकर व शक्कर मिलाकर सुबह-दोपहर-शाम को पीना चाहिए।  ऐसा करने से उन्हें पेशाब से खून आने की समस्या में तुरंत आराम मिलता है।

नपुंसकता को दूर करने के लिए:

नपुंसकता को दूर करने के लिए अश्वगंधा, शतावरी, सफ़ेद मुसली, कौंच के बीज का चूर्ण बनाकर  गाय के दूध के साथ पीना चाहिये ।

ज्वर को दूर करने के लिए:

वात प्रकोप होने पर शतावरी चूर्ण और पीपर का चूर्ण सम भाग मिलाकर 5 ग्राम मात्रा में शहद के साथ सुबह-शाम चाटने से लाभ होता है।

सुंदरता निखारे:

शतावरी में विटामिन ए होता है जो कि त्‍वचा की सुंदरता को निखारता है। यह चेहरे से झुर्रियों को मिटाता है।

जोड़ों में दर्द:

जोड़ों में दर्द होने की परेशानी में अश्वगंधा, शतावरी एवं आमलकी का चूर्ण इन तीनों को मिलाकर खाने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

बांझपन दूर करे:

शतावर का चूर्ण 5 ग्राम 10 ग्राम घी के साथ चाट कर एक ग्लास गुनगुना दूध पी ले। इसका एक से डेढ़ माह के सेवन से ही स्त्रियों के गर्भाशय की समस्त विकृतियां दूर हो जाती है ।

 

 

 


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Shivesh Pratap

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