जापानी देशभक्त हिरू ओनादा की कहानी | No Surrender : My 30 year war

Spread the love! Please share!!

जापानी देशभक्त हिरू ओनादा की कहानी:

1974 में जापान के एक बुकस्टोर के मालिक को फौज उसके घर से उठाकर फिलीपींस के जंगलों में गई. वह बुकस्टोर का मालिक एक रिटायर्ड फौज़ी था और अपनी यूनिट का कमांडिंग ऑफिसर रहा था.
उस कमांडिंग ऑफिसर को जंगल में घूम रहे एक जापानी सैनिक को आदेश देना था कि वह घर वापस लौट आये…युद्ध खत्म हो गया है.
वह सैनिक था हिरू ओनादा. वह तीस साल पहले जंगलों में भेजा गया था, जहाँ वह अमेरिकी सेना से लड़ रहा था. वह अकेला छूट गया और उधर जापान विश्वयुद्ध हार गया. पर वह जंगल में अकेले लड़ता रहा. उसने मोर्चाबंदी कर रखी थी और जिन्हें भी वह अपना दुश्मन समझता था, उनसे लड़ रहा था.

लड़ाई खत्म होने के 20-30 साल बाद तक लड़ते रहे:

उसे लड़ाई खत्म होने के आर्डर नहीं आये थे. पर ऐसा नहीं था कि उसे बताया नहीं गया था. जापानी सरकार ने उसके भाई को फिलीपींस भेजा था उसे वापस लाने के लिए. उसे रोज रोज के अखबार दिखाए गए. पर उसने मानने से इनकार कर दिया कि यह सच भी हो सकता है. उसका मानना था कि अगर जापान युद्ध हार गया है तो तुम सब जीवित कैसे हो? क्योंकि जापानी जीते जी हार स्वीकार करने के लिए जाने नहीं जाते. जब हिरू ओनादा फौज में लड़ने के लिए जा रहा था तो उसकी माँ ने उसे एक खँजर दिया था – बेटा! अगर कभी लड़ाई में हारने की नौबत आने लगे तो यह काम आएगा…
वह सैनिक अकेला नहीं था. ऐसे बहुत से जापानी सैनिक थे जो लड़ाई खत्म होने के 20-30 साल बाद तक लड़ते रहे…क्योंकि उनके लिए अपना जीवित होना इस बात का प्रमाण था कि युद्ध चल रहा है.

No Surrender- My 30 Year War:

उस सैनिक हीरू ओनादा की कहानी एक पुस्तक में लिखी गयी है – No Surrender : My 30 year war.
जापान का इतिहास ऐसे ही पूर्ण निष्ठा, समर्पण और देशभक्ति का इतिहास है. और इसीलिए हमसे कई गुना छोटा, प्राकृतिक संसाधनों से रहित यह एक द्वीप हमसे बहुत आगे है. उनकी यह राष्ट्रीय भावना ही उनका सबसे बड़ा संसाधन है. हम सबको, हमारी जनता और हमारे नेतृत्व, सबको समझना होगा कि राष्ट्र निर्माण का अर्थ सिर्फ सड़कें और बिजली, नौकरी और व्यापार नहीं होता. राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण ही राष्ट्र निर्माण है.

Spread the love! Please share!!
Shivesh Pratap

Hello, My name is Shivesh Pratap. I am an Author, IIM Calcutta Alumnus, Management Consultant & Literature Enthusiast. The aim of my website ShiveshPratap.com is to spread the positivity among people by the good ideas, motivational thoughts, Sanskrit shlokas. Hope you love to visit this website!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is the copyright of Shivesh Pratap.