30 तकनीकियां जो दुनिया बदल देंगी | 30 Modern Technologies of Next Decade
1. Artificial Intelligence (कृत्रिम बुद्धिमत्ता):
Artificial Intelligence (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) कंप्यूटर विज्ञान का एक क्षेत्र है जो बुद्धिमान मशीनों के निर्माण पर जोर देता है जो मनुष्यों की तरह काम करते हैं और प्रतिक्रिया करते हैं। कृत्रिम बुद्धि वाले कंप्यूटरों में कुछ गतिविधियों को शामिल किया गया है:
- मनुष्य कि वाक् पहचान
- कार्य करने के तरीके सीखना
- कार्य योजना
- समस्या को सुलझाना
कंप्यूटर गणना क्षमता तथा उससे संबधित तकनीक जैसे मशीन द्वारा सीखना (Machine Learning), न्युरल नेटवर्क, मानव भाषा संसाधन (Natural Language Processing), जिनेटिक अल्गारिथम तथा कंप्युटर सृजनात्मकता मे तीव्र विकास के साथ अब मशीने धीरे धीरे प्रतिक्रियात्मक मशीनो से आत्मचेतन मशीनो की ओर विकास कर रही है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रकार:
1.पूर्ण प्रतिक्रियात्मक (Purely Reactive):
यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता का सबसे आधारभूत प्रकार है। यह वातावरण और परिस्थितियों से सीधे सूचना ग्रहण करता है और उसके आधार पर निर्णय लेता है। इसके पास विस्तृत विश्व की जानकारी नही होती है। यह अपने अनुभवों को संरक्षित नही कर सकता है, ना ही अपने अनुभवों के आधार पर वर्तमान समस्या पर निर्णय ले सकता है। यह केवल एक ही क्षेत्र मे विशेषज्ञता हासिल कर सकता है।
उदाहरण:
- IBM का डीप ब्ल्यु जिसने कास्पोरोव को शतरंज मे हराया था।
- गूगल का अल्फागो जिसने मानव को एक कंप्युटर बोर्ड खेल गो मे हराया था।
2.सीमित स्मृति:
Artificial Intelligence के विकास मे यह अगला चरण है। इस वर्ग मे पिछले अनुभवों को सीमित मात्रा मे सूचना के रूप मे संरक्षित रखा जाता है और उसे विश्व के प्रोग्राम रूप मे माना जाता है। इस सीमित स्मृति के आधार Artificial Intelligence निर्णय लेती है और उसके आधार पर अपना कार्य निर्धारित करती है।
उदाहरण:
- स्वचालित कार
- चैटबाट, पर्सनल डिजिटल असीस्टेंट(एप्पल सीरी, माइक्रोसाफ़्ट कोर्टना)
3.मस्तिष्क सिद्धांत:
वर्ग 3 कृत्रिम बुद्धिमत्ता मे मानव के विचारो और मानव व्यवहार को प्रभावित करने वाली भावनाओं को समझने की क्षमता होगी। इस वर्ग की कृत्रिम बुद्धिमत्ता भावनाओ, मूल भावों, उद्देश्यों तथा अपेक्षाओं को समझ सकेगी और सामाजिक रूप से व्यवहार करने मे सक्षम होगी। ये मशीन अब तक बनी नही है लेकिन ये कृत्रिम बुद्धिमत्ता का अगला चरण होंगी।
उदाहरण:
- स्टार वार फ़िल्मो के C-3PO तथा R2-D2
- I, Robot फ़िल्म
4.आत्म चेतन:
इस तरह के रोबोट अपना प्रतिनिधित्व स्वयं कर सकेंगे। यह मस्तिष्क सिद्धांत का अगला चरण होंगे, वे अपनी आंतरिक स्थिति से अवगत होंगे, वे दूसरो की भावनाओं को समझने मे सक्षम होंगे तथा उसने आधार पर निर्णय ले सकेंगे। वे भविष्य की पिढी की मशीन होंगे जोकि अत्याधिक मेधावी, संवेदनशील तथा चेतन होंगे।
उदाहरण:
- 2015 मे आयी फ़िल्म एक्स मशीन की इवा
- 2015 टीवी धारावाहिक Humans