5G नेटवर्क के रोचक तथ्य | Interesting Facts about 5G Network

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चीन ने 5जी मोबाइल सेवाओं का सबसे पहले प्रयोग करने की पहल करके यह सुविधा उपलब्ध कराने के क्रम में प्रभावी शुरुआत कर चुका है |इस तरह संसार के लगभग सभी देशों तथा शीर्ष मोबाइल कंपनियों को 5G मोबाइल सेवाओं के विस्तारीकरण पर एक नया विमर्श दे दिया है

5G सेवाएं वास्तव में अपनी तीव्रता के कारण इतनी प्रभावी होंगी की इंटरनेट का सही एवं प्रभावी प्रयोग वास्तव में 5G के माध्यम से ही हो पाएगा| आइये जानते हैं इसके तमाम रोचक तथ्य जो आप को आश्चर्यचकित कर देंगे |

5G नेटवर्क के रोचक तथ्य | Interesting Facts about 5G Network:

5G एक अल्ट्रा स्पीड नेटवर्क होगा जिसमें 20 गीगाबाइट प्रति सेकंड की स्पीड मिलेगी।

5G में बिजली की तेजी होगी । Verizon का कहना है कि अपने 5 जी नेटवर्क में 4 जी एलटीई से 200 गुना ज्यादा तेज स्पीड मिलेगी।

5G नेटवर्क पर टच करते ही एक सेकंड के हजारवें हिस्से यानि एक मिलीसेकंड से भी कम समय में वेबपेज खुल जाएगा|

5G नेटवर्क पर कोई भी  वीडियो पांच से छह सेकंड में डाउनलोड हो जाएगी।

5G नेटवर्क अल्ट्रास्पीड है लेकिन लेटेंसी बहुत कम है। किसी  HD Mobile TV या वीडियो डाउनलोड होने में जितना समय लगता है उसे लेटेंसी कहते हैं।

4G नेटवर्क वीडियो देखने की जरूरत के वजह से विकास हुआ जबकि 5G नेटवर्क का विकास इंटरनेट से जुड़ी लोगों की कई जरूरतों की वजह से हो रहा है।

5G नेटवर्क के लिए इंटिलेजेंट नेटवर्क बनाया जाएगा क्योंकि  यह एक मिलीसेकंड से भी कम समय में किसी भी लोकेशन में यूजर के  जरूरतों को  पूर्ति कर सकेगा। 4G नेटवर्क में यह संभव नहीं हो पा रहा है।

5G नेटवर्क एक तरह से सेल्फ ड्राइविंग कार की तरह होगा जो खुद रिसोर्सेज खोज कर यूजर्स को सोल्यूशन देगा।

5G  नेटवर्क का सिद्धांत है कि सब चीज के लिए इंटरनेट और सभी जगह इंटरनेट।

5G नेटवर्क के सिग्नल पहुंचाने वाले बेस स्टेशन्स के लिए ड्रोन्स और बैलून्स का इस्तेमाल हो क्योंकि कनेक्टिविटी की यह क्रांति लाने के लिए बेहतर  हो सकता है|

5G नेटवर्क एक ऐसी कनेक्टेड दुनिया का निर्माण करेगा जो हर तरह की जानकारियां देगा।

फिलहाल दुनिया के 15 अरब डिवाइस एक दूसरे से कनेक्ट हैं। 2020 के अंत तक 5G के लिए कम से कम दुनियाभर के 50 अरब डिवाइसेस को कनेक्ट करने की योजना है ताकि लोगों तक हर तरह की सूचनाएं पहुंचाई जा सके।

5G नेटवर्क सेवा देना किसी एक कंपनी के वश की बात नहीं है। इसके लिए सरकारों, दुनियाभर की कंपनियों और सर्विस प्रोवाइडर्स को एक साथ काम करना होगा।

5G नेटवर्क तभी सफल होगा जब दुनियाभर के लोगों और देशों के बारे में कई तरह की जानकारियों तक इसका एक्सेस होगा।

यूनाइटेड नेशंस के इंटरनेशनल टेलिकम्यूनिकेशंस यूनियन को उम्मीद है कि 2020 से ग्लोबल स्टैंडर्ड के अनुसार 5G सेवाओं की शुरुआत हो जाएगी।

दुनियाभर के टेलीकॉम कंपनियों के लीडर्स के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि एक समान स्टैंडर्ड बनाकर 5G की सेवाएं देने में फायदा है।

भारत में अभी 4G सेवाओं के लिए ही ठीक से इंटरनेट नेटवर्क काम नहीं कर रहा इसलिए यहां 5G आने में वक्त लग सकता है। लेकिन दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देश में 4G का नेटवर्क बहुत मजबूत है इसलिए वहां 5G लाना आसान होगा। चीन तो इसका ट्रायल भी शुरू कर चुका है।

अभी भारत में 4G नेटवर्क आया ही है लेकिन दुनिया में 5G नेटवर्क पर तेजी से काम भी शुरू हो चुका है। हालांकि 2020 में दुनियाभर में 5G नेटवर्क को लाने की योजना है लेकिन चीन ने सबसे आगे निकलते हुए इसका ट्रायल भी शुरू कर दिया है।

अल्फाबेट यानि गूगल और AT&T, Verizon पहले से ही 5G प्रौद्योगिकियों पर परीक्षण कर रहे हैं। गूगल सौर ऊर्जा संचालित ड्रोन से उपयोगकर्ताओं के लिए 5G सिग्नल प्रसारित करने की तकनिकी विकसित करने में लगा है | गूगल के ड्रोन लंबे समय लगभग पांच साल तक आकाश में रह सकते हैं और सेवा मुहय्या कर सकते हैं।

AT&T और Verizon एक और पारंपरिक दृष्टिकोण से वर्तमान के टावर आधारित 5G तकनीकियों पर शोध कर रहे हैं। Verizon इस साल के अंत तक बोस्टन, न्यूयॉर्क और सैन फ्रांसिस्को में परीक्षण कर सकता है|

5G के लिए कोई निर्धारित तय मानक नहीं है। अंतरराष्ट्रीय वायरलेस मानक संगठन 3GPP, अभी भी, विनिर्देशों का निर्धारण करने हेतु एरिक्सन, सैमसंग, नोकिया, सिस्को सिस्टम्स और Verizon के साथ कार्य कर रही है। रेडियो प्रसारण तरंग मानकों कीअगली पीढ़ी को 2018 तक निर्धारित किए जाने की संभावना है।


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Shivesh Pratap

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