अब्राहम लिंकन के अनमोल विचार | Abraham Lincoln motivation Quotes in Hindi

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अब्राहम लिंकन के अनमोल विचार
Abraham Lincoln motivation Quotes in Hindi

नाम: अब्राहम लिंकन

जन्म: 12 फरवरी, 1809 Kentucky, U.S

धर्म: ईसाई

राष्ट्रीयता: American

अमेरिका का 16 वाँ राष्ट्रपति: अब्राहम लिंकन का कार्य काल 1861–1865 

मृत्यु: 15 अप्रैल, 1865 (56) Washington, D.C., U.S.

 

 

“तुम जो भी हो, नेक बनो|”

 

“मित्र वो है जिसके शत्रु वही हैं जो आपके शत्रु है|”

 

“मैं एक धीमी गति से चलता ज़रूर हूँ, लेकिन कभी वापस नहीं चलता|”

 

“औरत ही एक मात्र प्राणी है जिससे मैं ये जानते हुए भी की वो मुझे चोट नहीं पहुंचाएगी, डरता हूँ|”

 

प्रजातंत्र लोगों की, लोगों के द्वारा, और लोगों के लिए बनायीं गयी सरकार है|

 

अगर कुत्ते की पूँछ को पैर कहें, तो कुत्ते के कितने पैर हुए ? चार पूछ को पैर कहने से वो पैर नहीं हो जाती|

 

“मैं जो भी हूँ, या होने की आशा करता हूँ, उसका श्रेय मेरी माँ को जाता है|”

 

हमेशा ध्यान में रखिये की आपका सफल होने का संकल्प किसी भी और संकल्प से महत्त्वपूर्ण है|

 

शत्रुओं को मित्र बना कर क्या मैं उन्हें नष्ट नहीं कर रहा ?

 

“अगर शांती चाहते हैं तो लोकप्रियता से बचिए|”

 

साधारण दिखने वाले लोग ही दुनिया के सबसे अच्छे लोग होते हैं: यही वजह है कि भगवान ऐसे बहुत से लोगों का निर्माण करते है|

 

किसी वृक्ष को काटने के लिए आप मुझे छ: घंटे दीजिये और मैं पहले चार घंटे कुल्हाड़ी की धार तेज करने में लगाऊंगा|

 

यदि आप एक बार अपने साथी नागरिकों का भरोसा तोड़ दें, तो आप फिर कभी उनका सत्कार और सम्मान नहीं पा सकेंगे|

 

जब मैं अच्छा करता हूँ, मुझे अच्छा लगता है जब मैं बुरा करता हूँ, तो मुझे बुरा लगता है.यही मेरा धर्म है|

 

कुछ करने की इच्‍छा वाले व्‍यक्ति के लिए इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है।

 

भविष्‍य की सबसे अच्‍छी बात यही है कि वह एक दिन जरूर आता है।

 

अगर कोई भी काम कोई व्‍यक्ति अच्‍छे से कर सकता है, तो मैं कहूँगा उसे करने दीजिये। उसे एक मौका दीजिये।

 

मैं जीतने के लिए प्रतिबद्ध नहीं हूँ लेकिन मैं सही और सच्‍चे होने के लिए प्रतिबद्ध हूँ।

 

चुप रहकर मूर्ख लगना अच्‍छा है बजाय इसके कि आप बोलें और सारे शक दूर कर दें।

 

जो लोग दूसरों को आज़ादी देने से इनकार करते हैं वह खुद भी इसके योग्‍य नहीं हैं।

 

मेरा हमेशा से मानना रहा है कि कड़ी सजा की तुलना में दया ज्‍यादा फलदायक सिद्ध होती है।

 

चरित्र एक पेड़ की तरह है और इज्‍ज़त एक परछाई की तरह है। हम परछाई के बारे में सोचते हैं। जबकि पेड़ असली विषय है।

 

कुछ लोगो के द्वारा प्राप्‍त की गई महान सफलता इस बात का प्रमाण है की बाकी सारे लोग भी इसे प्राप्‍त कर सकते है।

 

उस व्‍यक्ति को आलोचना करने का अधिकार है, जो सहायता करने की भावना रखता है।

 

                                                                                                                                           Abraham Lincoln अब्राहम लिंकन

 


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Shweta Pratap

I am a defense geek

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