विदेशी अनुसंधानकर्ताओं के लिए मोदी की वज्र योजना:
विदेशी अनुसंधानकर्ताओं को भारत में शोध के लिए प्रोत्साहित करने की वज्र (VISITING ADVANCED JOINT RESEARCH) फैकल्टी योजना के लिए आज वेबसाइट की लांचिंग की गयी। साथ ही भारतीय सर्वेक्षण विभाग के 25० वें वर्ष के स्मारक के रूप में डाक विभाग ने दो डाक टिकट भी जारी किये।
http://www.vajra-india.in/ लांच:
वज्र फैकल्टी योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर ०8 जनवरी, 2017 को की थी। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने वज्र की वेबसाइट लांच करते हुये कहा कि इससे अत्याधुनिक अनुसंधान से जुड़े विदेशी वैज्ञानिक भी भारत आकर यहाँ के वैज्ञानिको के साथ मिलकर शोध कार्य करेंगे। शोध पूरा होने के बाद शोध पत्र भारतीय और विदेशी वैज्ञानिकों के नाम से संयुक्त रूप से प्रकाशित कराया जायेगा तथा पेटेंट भी संयुक्त होगा।
45 हजार डॉलर की सहायता:
डॉ. हर्षवर्द्धन ने कहा कि इसमें जाने-माने विदेशी शोध संस्थानों के प्रवासी भारतीय या अन्य विदेशी वैज्ञानिक भारत आकर शोध कर सकते हैं। वे साल में एक महीने से तीन महीने तक यहाँ रहकर भारतीय वैज्ञानिकों के साथ काम करेंगे तथा पाँच साल तक यह क्रम जारी रखा जा सकता है। प्रवास के पहले महीने वैज्ञानिकों को 45 हजार डॉलर तथा अगले दो महीने के लिए 40-40 हजार डॉलर की वित्तीय सहायता दी जायेगी।
भारतीय सर्वेक्षण विभाग की स्थापना:
संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने भारतीय सर्वेक्षण विभाग की स्थापना के 25० साल पूरा होने के मौके पर पाँच रुपये और 45 रुपये के स्मारक टिकट जारी किये। यह पहला मौका है जब भारतीय सर्वेक्षण विभाग पर कोई डाक टिकट जारी किया गया है। श्री सिन्हा ने कहा कि यह संयोग ही है कि देश के पहले डाक टिकट और संविधान की पहली प्रति की छपाई करने वाले सर्वेक्षण विभाग पर आज डाक टिकट जारी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास और निर्माण की आधारशिला रखने में सर्वेक्षण विभाग का महत्वपूर्ण योगदान है। विकास तभी संभव है जब सटीक और वैज्ञानिक सर्वेक्षण उपलब्ध हो।
श्री सिन्हा ने कहा कि आज के युग में तकनीक इतनी तेजी से बदल रही है कि इसके साथ कदम से कदम मिलाकर चलना मुश्किल है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि सर्वेक्षण विभाग अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग की अनेक उपलब्धियाँ हैं जिन पर देश को गर्व है।