अटल बिहारी वाजपेयी के अनमोल विचार
Atal Bihari Vajpayee Motivational Quotes in Hind
नाम: अटल बिहारी वाजपेयी
जन्म: 25 दिसंबर 1924 ग्वालियर, मध्य प्रदेश
राष्ट्रियता: भारतीय
Profession: Poet, Politician
उपलब्धियाँ: Vajpayee was elected to the Lok Sabha a record 9th times, Became 10th Prime Minister of India
मृत्यु: अगस्त 16, 2018 (उम्र 93) एम्स दिल्ली (सायं 5 बजे) नई दिल्ली भारत
“मौत की उम्र क्या दो पल भी नही, जिन्दगी की सिलसिला, आज कल की नही
मै जी भर जिया, मै मन से मरु, लौट के आउगा, फिर कुच से क्यों डरूं|”
“हमारे परमाणु हथियार विशुद्ध रूप से विरोधियो के परमाणु हमले को हतोत्साहित करने के लिए काफी है|”
आज वैश्विक निर्भरता का अर्थ यह है कि विकासशील देशों में आई आर्थिक आपदाएं विकसित देशों में संकट ला सकती है|
शीत युद्ध के बाद आये उत्साह में एक गलत धारणा बन गयी की संयुक्त राष्ट्र कहीं भी कोई भी समस्या हल कर सकता है|
“हमारा देश एक मन्दिर है और हम इसके पुजारी, हमे राष्ट्रदेव की पूजा में खुद को समर्पित कर देना चाहिए|”
किसी भी मुल्क को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक साझदारी का हिस्सा होने का ढोंग नहीं करना चैये , जबकि वो आतंकवाद को बढाने,उकसाने, और प्रायोजित करने में लगा हुआ हो|
“छोटे मन से कोई बड़ा नही होता, टूटे हुए मन से कोई खड़ा नही होता|”
जो लोग हमसे पूछते हैं कि हम कब पाकिस्तान से वार्ता करेंगे वो शायद ये नहीं जानते कि पिछले 55 सालों में पाकिस्तान से बातचीत करने के सभी प्रयत्न भारत की तरफ से ही आये है|
“मै हिन्दू परम्परा में गर्व महसूस करता हु लेकिन भारतीय परम्परा में अभूतपूर्व गर्व होता है|”
गरीबी बहुआयामी है यह हमारी कमाई के अलावा स्वास्थय , राजनीतिक भागीदारी , और हमारी संस्कृति और सामाजिक संगठन की उन्नति पर भी असर डालती है|
“हम दोस्तों को बदल सकते है लेकिन पड़ोसियों को नही बदल सकते है|”
जैव – विविधता कन्वेंशन ने विश्व के गरीबों को कोई ठोस लाभ नहीं पहुँचाया है|
भारत में भारी जन भावना थी कि पाकिस्तान के साथ तब तक कोई सार्थक बातचीत नहीं हो सकती जब तक कि वो आतंकवाद का प्रयोग अपनी विदेशी नीति के एक साधन के रूप में करना नहीं छोड़ देता|
“मै मरने से नही डरता हूँ, बल्कि बदनामी होने से डरता हूँ|”
वास्तविकता ये है कि यू एन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन उतने ही कारगर हो सकते हैं जितना की उनके सदस्य उन्हें होने की अनुमति दें|
संयुक्त राष्ट्र की अद्वितीय वैधता इस सार्वभौमिक धारणा में निहित है कि वह किसी विशेष देश या देशों के समूह के हितों की तुलना में एक बड़े उद्देश्य के लिए काम करता है|
“जलना होगा, गलना होगा और हमे कदम मिलकर एक साथ चलना होगा|”
पहले एक अन्तर्निहित दृढ विश्वास था कि संयुक्त राष्ट्र अपने घटक राज्यों की कुल शक्ति की तुलना में अधिक शक्तिशाली होगा|
“भारत के प्रति निष्ठा रखने वाले सभी भारतीय एक है भले ही उनका मजहब, जाति, प्रदेश अलग ही क्यों न हो|”
हम मानते हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका और बाकी अंतर्राष्ट्रीय समुदाये पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को हमेशा के लिए ख़तम करने का दबाव बना सकते है|
“हमारे पड़ोसी कहते है की एक हाथ से ताली नही बजती, हमने कहा चुटकी तो बज ही सकती है|”
“हर इन्सान को चाहिए वह परिस्थितियों से लड़े, एक स्वप्न टूटे तो दूसरा गढ़े|”
“इतिहास ने, भूगोल ने, संस्कृति ने परम्परा ने, धर्म ने, नदियों ने हमे आपस में बाधा है|’
“मजहब बदल लेने से राष्ट्रीयता नही बदलती और ना ही संस्कृति में परिवर्तन होता है|”
“टूट सकते है मगर हम झुक नही सकते|”
अटल बिहारी वाजपेयी
Atal Bihari Vajpayee Awards:
- 1992 : पद्म विभूषण
- 1993 : डी.लिट (डॉक्टरेट इन लिटरेचर) कानपुर यूनिवर्सिटी
- 1994 : लोकमान्य तिलक पुरस्कार
- #1994# : बेस्ट संसद व्यक्ति का पुरस्कार
- 1994 : भारत रत्न पंडित गोविन्द वल्लभ पन्त अवार्ड
- 2015 : भारत रत्न
- 2015 : लिबरेशन वॉर अवार्ड (बांग्लादेश मुक्तिजुद्धो संमनोना)