हमारे भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विचार हे कि क्वांटम मेकेनिक्स पर Princeton या भारतीय तकनीकी संस्थान (IIT) मेँ पढ़ाए जाने वाले उच्च स्तरीय शिक्षा को भी हम एक सामान विद्यार्थी तक पहुंचा सकें । इसी क्रम मेँ श्री मोदी जी ने पिछले 25 सितंबर को स्वयम नाम के कार्यक्रम की शुरुआत किया ।
पिछले कुछ वर्षोँ से शिक्षा के अंदर तकनीकी के प्रवेश से बहुत सारे क्रांतिकारी सुधार हो रही हे भारत सरकार द्वारा कुछ साल पहले एडुसेट नाम की उपग्रह को छोड जाने के बाद टेलीविजन ओर रेडियो के द्वारा दूरस्थ शिक्षा के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए गए थे । समय के साथ भारी भरकम किताबेँ ओर शिक्षा के पुराने माध्यम अब कमजोर ओर आउट डेटेड हो रहे हे । इसके साथ पर नई तकनीक किया इंटरनेट ऑडियो और वीडियो ग्राफिक्स के माध्यम से शिक्षा मेँ नए प्रयोग जारी हे ।
डिजिटल माध्यमोँ मोबाइल लैपटॉप टेबलेट के माध्यम से शिक्षा का प्रसार दिनों दिन बढ़ रहा हे । स्कूल मेँ पढने वाली नई पीडी अब इन बदलावोँ को स्वीकार करके आगे बढ रही हे ।
Docebo के पिछले वर्ष के रिपोर्ट के अनुसार इंटरनेट लर्निंग ओर डिजिटल लर्निंग का प्रसार दुनियाभर मेँ बहुत तेजी से बढ़ रहा हे ओर विकासशील देशो मेँ यह और भी तेजी से बढ़ रहा हे एशिया महादीप मेँ इसकी विकास दर 18 प्रतिशत हे जबकी युरोप मेँ 16 प्रतिशत तथा लैटिन अमेरिका मेँ प्रतिशत 14 का हे ।
ओनलाइन शिक्षा ने शिक्षक ओर शिक्षार्थी के बीच मेँ एक बहुत ही मजबूत संबंध बना दिया हे इस तरह से विद्यार्थी अब शिक्षा प्रदाता के साथ ज्यादा मजबूती से जुड रहा हे ओर उसके सीखने के तरीको मेँ भी ज्यादा नवोन्मेष यानी इनोवेशन आया हे । सजीव प्रसारण एवम 3D ग्राफिक्स के द्वारा अब शिक्षा अधिक सरल सजीव और रोचक बन गई हे जिससे कि ज्ञान के साथ उसमेँ एक नए इनोवेशन भी जुड़ गया हे।
भारत के अंदर इस प्रकार के हाइब्रिड लर्निंग मॉडल (hybrid learning model) का विकास स्थिर गति से हो रहा हे । प्राइमरी शिक्षा से लेकर कुछ अच्छा तक सभी मेँ ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम ओर हाइब्रिड लर्निंग मॉडल निरुपण के लिए काम हो रहा हे ।
इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB , Hydrabad), भारतीय प्रबंध संस्थानों (IIMs) एवम भारतीय तकनीकी संस्थानोँ (IITs) ने “डायरेक्ट टू डेस्कटॉप” (direct to desktop) मॉडल की शिक्षा कार्यक्रम की शुरुआत भी कर दिया है । भारतीय तकनीकी संस्थान मुंबई (IITB) इस क्षेत्र मेँ अग्रणी भूमिका निभाते हुए अपने सभी “EdX” कार्यक्रमों की शुरुआत पहले ही कर चुका है ।
अब धीरे धीरे अन्य सरकारी एवँ निजी संस्थानोँ मेँ भी अपने अपने ऑनलाइन दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम की शुरुआत कर दिया हे आचार्य नागार्जुन यूनिवर्सिटी अन्नामलाई यूनिवर्सिटी, नरसी मोनजी ओर एमिटी यूनिवर्सिटी इनमेँ प्रमुख हैं ।इसके अलावा कुछ व्यापारिक संस्थान ने भी डेटा मार्केटिंग प्रबंधन एवम तकनीकी से संबंधित सर्टिफिकेट को ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम से जोड दिया है ।
श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व मेँ अब भारतीय शिक्षा पद्धति भी डिजिटल एजुकेशन सिस्टम की ओर तेजी से बढ रही हे अखिल भारतीय स्तर पर एक डिजिटल लाइब्रेरी बनाने ओर सभी विश्वविद्यालय स्कूल तक उसकी पहुंच बनाने के कार्यक्रम मेँ तत्कालीन श्री मोदी सरकार अपना विशेष प्रयास कर रही हे । बहुत जल्दी भारत के सभी स्कूलो मेँ इंटरनेट broadband कनेक्टिविटी के साथ हम डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा भी प्राप्त कर सकेंगे ।
भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने SWAYAM (Study Webs of Active learning for Young Aspiring Minds ) नाम का एक MOOC (massive open online source) प्लेटफॉर्म तैयार किया है । इस प्लेटफार्म पर ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा हम विश्व स्तर की कुछ गुणवत्तायुक्त शिक्षा मुफ्त मेँ प्राप्त कर सकते हे
श्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 145 विशिष्ट संस्थानोँ मेँ इस प्रयोग के लिए तत्काल प्रभाव से निर्देश दे दिए हे जिस पर तेजी से काम हो रहा हे ओर आशा हे कि बहुत जल्दी भारत के सभी विश्वविद्यालयोँ मेँ शिवम स्कूल मेँ हम किस प्रकार की ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा शिक्षा मेँ गुणवत्ता संबंधी समस्याओं को दूर कर सकते हैं ।
“स्वयम” कार्यक्रम के बारे मेँ जानने के लिए मेरे अगले लेख का इंतजार करेँ । आशा है कि आपको मेरा यह लेख अच्छा लगा होगा ।
समय के साथ कदम ताल करना अत्यंत आवश्यक है इस दिशा में सरकार का उचित कदम अपेक्षित और सराहनीय है