बिटकॉइन के शब्दावलियों की जानकारी
Explanation of Bitcoin Terms in Hindi
नए लोगों से लेकर विशेषज्ञों तक बिटकॉइन में रुचि रखने वाला कोई भी, एक ही सामान्य शब्द बिटकॉइन से परिचित तो होते हैं पर हम में से कुछ के लिए Bitcoin या इससे जुड़े तमाम शब्दावलियों के बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन सभी के लिए, कुछ सामान्यतः इस्तेमाल किए जाने वाले शब्द हमेशा अच्छी तरह से ज्ञात होने चाहिए।
यह पोस्ट मैंने इसी उद्देश्य से लिखी है कि Bitcoin के ज़माने में उसे जानने और उसमें निवेश करने वाले सभी लोगों को इससे जुड़े हर टर्म को समझने के लिए सरल शब्दों विवरण उपलब्ध हो सके।
Block (ब्लॉक):
ब्लॉक्स बिटकॉइन के ब्लाक चेन में पाए जाते हैं। ब्लॉक सभी लेनदेन को एक साथ जोड़ते हैं। लेन-देन को एकल ब्लॉकों में जोड़ दिया जाता है और माइनिंग के द्वारा हर दस मिनट में सत्यापित किया जाता है। प्रत्येक ब्लॉक अपने पिछले ब्लॉक के सत्यापन को मजबूत करता है, जिससे बिटकॉइन लेनदेन को दोहराव करना यानि double spend असंभव हो जाता है।
Block Chain (ब्लॉक चेन):
Bitcoin की ब्लॉक चेन सभी बिटकॉइन लेनदेन का एक सार्वजनिक रिकॉर्ड है। आप इसके लिए “पब्लिक लेज़र” शब्द का इस्तेमाल भी सुन सकते हैं। ब्लॉक चेन क्रमशः बिटकॉइन लेनदेन के हर एक रिकॉर्ड को दर्शाती है, इससे संपूर्ण ब्लॉक श्रृंखला को डाउनलोड किया जा सकता है और खुले तौर पर किसी के द्वारा समीक्षा की जा सकती है| या आप ऑनलाइन ब्लॉक श्रृंखला की समीक्षा करने के लिए ब्लॉक एक्सप्लोरर का उपयोग कर सकते हैं।
Block Height (ब्लॉक हाईट):
ब्लॉक हाईट केवल ब्लॉक श्रृंखला में एक साथ जुड़े ब्लॉक की संख्या है। उदाहरण के लिए हाईट जीरो पहले ब्लॉक को संदर्भित करता है, जिसे “जेनेसिस ब्लॉक” कहा जाता है।
Change (चेंज):
मान लीजिए कि आप अपने स्थानीय सुपर बाजार में 1.90 डॉलर खर्च कर रहे हैं, और आप $ 2.00 कैशियर दे रहे हैं। चेंज में 10 सेंट आपको वापस मिल जाएगा। यही तर्क bitcoin लेनदेन पर लागू होता है। Bitcoin लेनदेन इनपुट और आउटपुट से बना रहे हैं जब आप बिटकॉइन भेजते हैं, तो आप उन्हें केवल एक संपूर्ण “आउटपुट” में भेज सकते हैं। चेंज इसके बाद वापस प्रेषक को भेजा जाता है।
Confirmation (पुष्टीकरण):
Confirmation (पुष्टीकरण) का मतलब है कि नेटवर्क द्वारा बिटकॉइन लेनदेन को सत्यापित किया गया है, जिसे माइनिंग के नाम से जाना जाता है। लेनदेन की पुष्टि होने के बाद, इसे रिवर्स नहीं किया जा सकता है या दो बार खर्च नहीं किया जा सकता है। लेनदेन की पुष्टि होने के बाद लेन-देन को ब्लॉक में शामिल कर लिया जाता है|
Mining (खनन):
Bitcoin खनन लेनदेन की पुष्टि करने के लिए Bitcoin नेटवर्क के लिए गणितीय गणना करने के लिए कंप्यूटर हार्डवेयर का उपयोग करने की प्रक्रिया है। माइनर्स उन लेन-देन के माइनिंग के लिए लेनदेन शुल्क लेते हैं और इस तरह के सत्यापित किए गए प्रत्येक ब्लॉक के लिए माइनर्स को Bitcoin मिलता है।
Difficulty (कठिनाई):
Difficulty (कठिनाई) सीधे बिटकॉइन खनन से संबंधित है, और बिटकॉइन नेटवर्क में ब्लॉकों को सत्यापित करना बहुत मुश्किल प्रक्रिया है। बिटकॉइन हर 2016 ब्लॉकों को वेरीफाई कर खनन की Difficulty (कठिनाई) को समायोजित करता है। Difficulty (कठिनाई) को स्वचालित रूप से इस प्रकार समायोजित किया जाता है कि हर दस मिनट में ब्लॉक सत्यापन हो जाए।
Double Spend (डबल स्पेंड):
अगर कोई एक ही समय में दो अलग-अलग प्राप्तकर्ताओं को बिटकॉइन भेजना चाहता है, तो यह Double Spend (डबल स्पेंड) कहलाता है। एक बिटकॉइन लेनदेन की पुष्टि होने के बाद, Bitcoin सिस्टम इसे Double Spend (डबल स्पेंड) करना लगभग असंभव बना देता है। Double Spend (डबल स्पेंड) को रोकना ही इन्टरनेट तंत्र में Bitcoin की सबसे बड़ी सफलता है|
Hash Rate (हैश रेट):
हैश रेट Bitcoin नेटवर्क के प्रोसेसिंग पॉवर (प्रसंस्करण शक्ति) की मापन इकाई है। सुरक्षा उद्देश्यों के लिए Bitcoin नेटवर्क को गहन गणितीय कार्य करने पड़ते हैं। जब नेटवर्क हैश रेट 10 Th/s पहुंच जाय तो इसका मतलब यह प्रति सेकंड 10 खरब गणनाए कर सकता है।
Halving (हॉलविंग):
जिस प्रकार इस संसार में सोना एक प्राकृतिक सम्पदा है और खनन के द्वारा बहुत अधिक सोना निकाला जा चुका है और भविष्य में भूगर्भ से सोना निकालने कि प्रक्रिया के साथ सोने का मूल्य भी बढ़ता जाएगा क्यों कि पृथ्वी में इसकी मात्र नियत है | बस इसी संकल्पना पर Bitcoin भी एक नियत संख्या में ही उपलब्ध है | दुनिया में केवल 21 मिलियन bitcoin ही उपलब्ध है और वह भी वर्ष 2140 ई. तक|
प्रत्येक ब्लॉक से उत्पन्न बिटकॉइन की संख्या की दर हर चार वर्ष में 50% कम होती चली जायेगी और इसे “हॉलविंग” कहा जाता है। अंतिम हॉलविंग वर्ष 2140 ई. होगा यानि 2017 के बाद 123 सालों तक ही नए bitcoin का निर्माण संभव है।
Private Key (प्राइवेट की):
एक Private Key (प्राइवेट की) डेटा की एक स्ट्रिंग है जो दर्शाती है कि आपके पास उपलब्ध वॉलेट में बिटकॉइन एक्सेस है। Private Key (प्राइवेट की) एक पासवर्ड की तरह है और इसे कभी भी किसी को भी बताना नहीं चाहिए, क्योंकि यह Bitcoin सिस्टम आपको अपने बिटकॉइन वॉलेट (बटुए) से क्रिप्टोग्राफ़िक हस्ताक्षर के माध्यम से बिटकॉइन खर्च करने की अनुमति देता है।