आइन्स्टाइन के भगवद-तत्व की विवेचना | Einstein and Hindu Philosophy
आइन्स्टाइन से व्याख्यान में लोगों ने पूछा की आप ईश्वर में विश्वास क्यों करते हैं ??
एल्बर्ट आइन्स्टाइन :
एक परमाणु के नाभिक के चारो तरफ एक हतप्रभ कर देने वाली लय और तारतम्यता से इलेक्ट्रोंन को चक्कर लगाने की घटना ने ये सोचने को मजबूर कर दिया की समस्त ब्रह्माण्ड में कैसा अनाहद नाद चल रहा है , प्रकृति की असीम ऊर्जा किस तरह से इतने शांत स्वरुप में सनातन काल से एक साम्य पर टिकी हुई है !!!!!
ऐसी अनोखी घटना बिना किसी सर्वशक्तिशाली सत्ता के सम्भव नहीं है |
अपने आदर्श हिन्दू धर्म ने शक्ति को किसी प्रमेय और प्रयोग के आधार भले ही सिद्ध किया हो या नहीं परन्तु शक्ति के स्वरुप और वैशिष्ट्य को सनातन से मानता है और कालांतर में यह दर्शन,श्रद्धा और विश्वास के रूप में हम में समाहित हो गया जो नवरात्री की पूजा के रूप में आज तक हमारे बीच मौजूद है |
मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने भी ९ दिन शक्ति की पूजा के बाद १०वे दिन रावण को मारा ,कृष्ण के लिए योगमाया का स्वरुप शक्ति की प्रधानता ही है|
शव यानि स्थूल यानि द्रव्यमान भी शक्ति के साथ मिल कर ही “शिव” यानि कल्याण के स्वरुप की पूर्णता को प्राप्त करता है ऐसे महान संस्कृति के संवाहक होने का गर्व महसूस करते हुए आप लोगों को शक्ति पर्व की शुभकामनाएं !!!!