हज़रत मुहम्मद 50 फैक्ट्स | Hazrat Muhammad Sahab in Hindi

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पैगंबर मुहम्मद के बारे में सामाजिक रूप से कम ही विमर्श हुए हैं । इस्लामिक मान्यताओं के लिहाज से पैगम्बर मुहम्मद उनके पथ प्रदर्शक हैं । चुकी मुहम्मद साहब अपनी पूजा के विरोधी थे इसलिए  उन्होंने किसी चित्रकार से अपनी फोटो भी नहीं बनवाई थी ।

फिर भी अरब के इतने बड़े जनमानस को उद्द्वेलित करने वाले पैगंबर मुहम्मद ने अपने जीवन की सादगी और निस्पृह जीवन से लोगों को एक बड़ा सन्देश दिया ।

मैं उनके जीवन की कुछ जानकारियों को यहाँ संकलित कर रहा हूँ जिससे की लोगों को उनके बारे में जानकारी मिले:

 

  1. वह पैगंबर इब्राहिम के बेटे पैगंबर इस्माइल के वंशज थे।

 

2.हज़रत मुहम्मद का जन्म मुस्लिम इतिहासकारों के अनुसार अरब के रेगिस्तान के शहर मक्काह में 22 अप्रैल 571 ई. को हुआ।

 

  1. ‘मुहम्मद’ का अर्थ होता है ‘जिसकी अत्यन्त प्रशंसा की गई हो’। ।

 

  1. पैगंबर मोहम्मद साहब का बचपन का नाम “मुहम्मद इब्न अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुत्तलिब” था |

 

  1. इनके पिता का नाम अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुत्तलिब और माता का नाम बीबी आमिनाह था।

 

  1. उसके जन्म के फौरन बाद उनके मां की मृत्यु हो गई थी।

 

  1. उनके पिता उनके जन्म से पहले ही मर गए थे। तो वह अनाथ हो गए थे।

 

  1. माता पिता की मृत्यु के बाद पैगंबर मुहम्मद साहब अपने चाचा अबू तालिब और उसके दादा अब्दुल मुत्तलिब के संरक्षण में पले बढ़े।

 

  1. नौ वर्ष की उम्र में वह अपने चाचा के साथ-साथ व्यापार के दौरे पर जाना भी शुरू कर दिए थे।

 

  1. वह उन यात्राओं के दौरान विभिन्न लोगों के साथ मुलाकात करते थे और उनके विचारों से परिचित होते रहे ।

 

  1. उनके आचरण और जीवन का सभी के द्वारा सम्मान किया जाता था। यहूदियों सहित मदीना भर में लोग उन्हें “विश्वस्त” कह कर बुलाते थे ।

 

  1. उसकी यात्राओं में उन्होंने ईसाई विद्वान से भी मुलाकात की थी।

 

  1. वह जब 25 वर्ष के थे तब उन्हें शादी के लिए खादीजा से एक प्रस्ताव मिला जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। खादीजा की शादी के समय आयु 40 साल थी।

 

  1. अपने जीवन के 54 साल तक उनकी केवल एक ही पत्नी सैय्यदा खादीजा थीं।

 

  1. पैगंबर मोहम्मद साहब के पुत्र भी पैदा हुए पर बचपन में ही उनका निधन हो गया था।

 

  1. मोहम्मद साहब ने सैय्यदा आईसा से दूसरा विवाह किया जब वह 9 साल की थी। उस समय में इस प्रकार के विवाह की अरब में सामाजिक मान्यता थी और यह सामान्य बात थी |

 

  1. पैगंबर मोहम्मद साहब कभी अकेले नहीं खाते थे | वह दूसरों को आमंत्रित करके फिर उनके साथ खाया करते थे।

 

  1. उन्होंने पहले और खाना खाने के बाद हाथ धोने की परंपरा को भी प्रोत्साहित किया।

 

  1. वह नियमित रूप से गरीब और बीमार लोगों की सेवा करते थे।

 

  1. वह अपने कपड़े खुद सिलते, अपने जूते की मरम्मत और फर्श पर झाडू सब कुछ करते थे । अपने विवाहित जीवन के दौरान वह घरेलू खरीदारी करने के लिए बाज़ार तक जाते थे।

 

  1. उस समय मक्का के लोग तमाम व्यसनों में लिप्त होते थे जो पैगंबर मुहम्मद को पसंद नहीं था । ऐसी किसी घटना से दुखी पैगंबर मुहम्मद एकांत और शांति के लिए अक्सर ही हीरा गुफा में चले जाते थे।

 

  1. इस्लामी मान्यता के अनुसार एक बार जब वह हीरा गुफा में बैठे थे  तब वहां उन्होंने अल्लाह का संदेशवाहक जिब्राइल (गेब्रियल) को देखा। दूत ने उनसे कहा की “अल्लाह का नाम पढ़ो”, पैगंबर मुहम्मद ने कहा कि मैं न तो पढ़ और न ही लिख सकता हूँ मैं एक अनपढ़ हूँ।

 

  1. इसके बाद अल्लाह के संदेशवाहक जिब्राइल (गेब्रियल) से मुहम्मद पर बदलाव लाया और इस तरह पैगंबर मोहम्मद साहब ने लोगों को इस्लाम का उपदेश देना शुरू कर दिया।

 

  1. उन्होंने लोगों में अल्लाह के संदेशों का प्रचार करना शुरू किया।

 

  1. अल्लाह के पैगंबर मुहम्मद साहब पर नाजिल हुए ईश्वरीय आदेशों का संकलन ही उनकी मृत्यु के पश्चात संसार के सामने “कुरान” के रूप में आया।

 

  1. वह कभी कभी प्रार्थना की तक बैठते की उनके पैरों में सूजन हो जाती थी। इस विषय पर उनसे एक व्यक्ति ने पुछा वह क्यों इस तरह की पीड़ादायक और कठिन प्रार्थना करते हैं ? पैगंबर मोहम्मद साहब ने उत्तर दिया, “क्या मुझ (अल्लाह के) गुलाम को आभारी नहीं होना चाहिए ?”

 

  1.  उन्होंने इस्लाम में शामिल होने के लिए पूरे अरब के राजाओं और नेताओं को पत्र भेजा।

 

  1. गैर मुसलमानों ने पैगंबर मुहम्मद का अरब में काफी विरोध भी किया परंतु पैगंबर मुहम्मद में धैर्य और दृढ़ता थी।

 

  1. उनका प्रवर्तनकाल (Prophethood) 23 वर्ष की लंबी अवधि तक चला, जिसके दौरान वह अल्लाह से तमाम सन्देश प्राप्त करते थे।

 

  1. उन्होंने कभी खुद को किसी ईश्वरीय शक्ति के रूप में स्थापित करने का प्रयास नहीं किया ।

 

  1. पैगंबर मोहम्मद साहब का नाम दुनिया में सबसे लोकप्रिय नामों में से एक है।

 

  1. 23 साल के लंबे प्रवर्तनकाल (Prophethood) के बाद पैगंबर मोहम्मद साहब की मृत्यु हो गई और उनकी मृत्यु के बाद इस्लाम भी अपने ख़लीफ़ा के प्रयासों की वजह से अन्य स्थानों में फैल गया।

 

  1. जब सन् 622 में अपने अनुयायियों के साथ पैगम्बर ने मक्का से मदीना के लिए कूच किया तब से इस यात्रा को हिजरत कहा जाता है और यहीं से इस्लामी कैलेंडर हिजरी की शुरुआत होती है।

 

  1. पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब का मजार मस्जिद ए नबवी, मदीना में है।

Masjid-e-Nabwi | मस्जिद ए नबवी
Masjid-e-Nabwi | मस्जिद ए नबवी, मदीना
  1. इस्लाम में मुहम्मद साहब के परिवार और घर वालों को “अहल-ए-बैत” या अहल अल-बैत” कहते हैं।

 

  1. पैगंबर हजरत मोहम्मद को तीन बेटे और चार बेटियां थी |
  • कासिम इब्न मोहम्मद, (598 – 600 या 601 ईस्वी)
  • अब्द-अल्लाह इब्न मोहम्मद, (615 ईस्वी)
  • ज़ैनब बिन्त मोहम्मद, (599 – 630 ई)
  • रूक़य्याह बिन्त मुहम्मद, (601 – 624 ईस्वी)
  • उम्म कुलथम बिन्त मुहम्मद, (603 – 630 ई)
  • फातिमा, (सी ए 604 – 632)
  • इब्राहिम इब्न मोहम्मद, (630-631)

 

  1. छह बच्चे मुहम्मद की पहली पत्नी खदीजा से पैदा हुए और अंतिम बेटे इब्राहिम इब्न मोहम्मद की मां मारिया थीं।

 

39.फातिमा को छोड़कर पैगंबर हजरत मोहम्मद के सभी बच्चों की मौत उनसे पहले ही हो गई थी ।

 

40.पैगंबर हजरत मोहम्मद को PBUH कहकर भी संबोधित करते हैं जिसका अर्थ है “Peace Be Upon Him” “शांति उस पर हो”, यह लगभग हर पैगंबर के लिए प्रयोग होता है जिसका अर्थ अरबी विशेषण “अलैइह-सलाम” है।

 

41.  62 वर्ष की आयु में याथरिब, अरब (अब मदीना, सऊदी अरब) में तेज बुखार के कारण लम्बी बिमारी के बाद  निधन हो गया |

42. हेजाज़, सऊदी अरब, मदीना में अल मस्जिद अल नबावी के ग्रीन गुंबद के नीचे ही मुहम्मद साहब दफ़न हैं |

43. सन् 632 में हजरत मुहम्मद साहब का देहांत हो गया।

44. “मुहम्मद” शब्द संसार के सबसे लोकप्रिय नामों में से एक है|

45. मुहम्मद साहब इतिहास के सबसे प्रभावशाली लोगों में शुमार हैं |

46. मुहम्मद साहब अपने साथियों को सहाबा की पदवी दे देते थे .ऐसे कुछ मुख्य विदेशी सहाबियों के नाम इस प्रकार हैं

  • बिलाल बिन रिबाह ( हफ्शी )
  • सलमान फारसी ( ईरानी )
  • सुहैब ( रोमन )
  • अब्दुल रशीद कैस खान (बलूची )

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Shivesh Pratap

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24 thoughts on “हज़रत मुहम्मद 50 फैक्ट्स | Hazrat Muhammad Sahab in Hindi

  1. jinke ly allah n duniya bnayi wo hmare or allah k mehboob sallallahu alyiwasallam hmare nabi m apne aap ko bahut ajij smjhti hu hm unki ummt m se h

  2. Itne achhe hai nabi to musalman itana durachari kyon hai. Apas me hi Mar Kat macha rahe hain. Sirf kitab ratne SE kuchh nahi ho sakata amal jaroori hai. Aaj musalman sabd gali ke barabar hai. Nabi ko kitana dukh hota hoga.

  3. sabka malik ek ha kyu dharm ke liye ladte ho bhagwan ne sub ko koi dharma de kar nhi beja sub ko ek jaisa banaya h vo tho humne kisi ko mandir me beta diya kisi ko majjid me Allah kaho ya ram h sub ek hi

  4. Lailaha illellaha mohmaddur rasul allaha sallallahu alahe barik basallam ye dunia hamare akka mohmand rasool allaha ke sadke mai bani hai musalman bhaiyo namaz roje jakat pr amal karo unki sunnato ko ada kro

  5. ha bhai shayam indoliya kyu kisi ke majhab ko galt keh rhe ho…………….tum apne majhab par dhyan do muslim apne majhab par dhyan de rha he…………duniya vishwas par tiki he thk samjhdar hokar nadan wali bate ni kiya karte smjhe… Samjhdar ho shamjhdar ban kar rho…..

  6. Hlo…shivesh sir,
    Aapne Jo baatein btayi h wo h toh bhut achi pr iska resource kya h, ye bta dijiye.

  7. Shyam indoliya hosh met asks bhi pieces KR Kay kha lengay. Jantay ho na buddhay. Us waqt to Paida hua Tha Jo Bak RHA. Salaa

  8. Ye jo mere nabi ke bare me bure bure fact, s likhate ho kya tum is duniya me amer ya kabhi tumhara nidhan nahi hoga tumhari death nahi hogi tum apne rab se kya javab dohe isvar ko kya muh dikha oge agar tuj me jara si insaniyat baki hai to rab ki bargah me sachi taiba kar ya mafi maang le agar ye sab nahi karna chahta hai to mujse aakar mil me tuje bataunga ki h. Moh. Mustafa kon the

  9. Sabse pahele Jo log ye baat kahte hain ki rama or Allah ek hain to ye baat galat hai jab hum apne pagambar Muhammad sahab ko Allah brabar nahi mante to phir rama ko kase mane is baat per kyoki tum mante ho hum nahi mante kyoki rama ka baap hai rama kisi aulad hain lekin uski koi oulad nahi uska koi sareek nahi kyoki usne insaan ko banane ka hukum bhi farishto ko diya uske jasa koi dusra nahi bo ek noor hai or noor ki koi shakal nahi hoti mera maksad kisi ka dil dukhana nahi hai ek aap ho jo apne jase insano poojte ho or unlogo mein khuda ko doodte ho beshak Allah ne hame insaan banaya hai or uska ahessan hum per ki hame hamare nabi ka or apne pagambar ka manewala banaya agar aap log usko nahi mante to matmano kam se kam kisi or ko uske saath matmilao Allah ke waste Allah aapko sahi rasta dikhahe ameen

  10. sabhi dharm insaniyat sikhata hai aur insaniyat ka matalab hi samanata hai isliye Shreeram aur mohammad ki barabari ki gayi hai aur aap isko mananeko taiyar nahi jab aapne keh diya ki aapke mohammad noor hai tab hamare
    Prabhu Shreeram hamare liye noor se badhkar hai isliye comment karnese pahale jara ye bat socho ki aapki comment koi hindu bhi padh sakta hai agar aap dusare dharm ki respect nahi karenge to aapki respect bhi koi nahi karega

  11. allah aap ko islam samghne ki tofeek ada kare aur aap ko saitan aur saitaniat se bachaye

  12. Shayam indoliya
    1.Jaha pr tumhara soch khatam hota hai na waha se to musalmano ka shuru hota hai
    2.aur jo tumne muhammad Saw ke baare me kaha na log waisa soch bhi nahi sakte jinke pass todha bhi dimaag hota h kyunki woh noor ke bane hue the aur tm jaante hoge ki unka saaya bhi nahi tha isse to tm jaan hi gaye hoge ki woh koi insaan me nahi ho sakta hai. Aur allah ne quraan me kaha h ki jo nabi ka nahi woh hamara nahi aur yeh baat tm jaante hi hoge ki scientist bhi quraan ke aage jhuk jaata h phir bhi tmne unhe shaitaan kah diya sahi bolu to dar to mujhe bhi bahut lag raha h unke saath shaitaan ka naam lene but majbur hu aur jo tumne bola h na use galti nahi gunaah kahte hai
    3. lekin ab to tmne bol diya kaha jaata h na bandook se nikli hui goli aur zabaan se nikli hui boli kabhi waapas nahi aati h aur woh bhi tmne unhe bola hai jinse allah sab se zayada chahte h aur tm yeh aachhi tarah jaante ho ki puri kaynaat aasmaan chand suraj balki har ek patta bhi allah ke hukum se hilta hai aur jo tumne bol diya hai ek samajhadar insaan waisa sochne ki bhi galti nahi karna chahega kyunki yeh duniya to chaar din ki hi hai asal zindagi to uper mr hai jaha har koi ko jaana h tumhe bhi main to kuch bol bhi nahi sakta hu kyunki tmne galti nahi gunaah kar diya aur waisa gunaah jo koi kabhi bhool se bhi nahi karna chahega .
    4.ek baat aur keh du main har dharam ki izzat karta hu lekin yeh tm aachhi tarah jaante hoge ki khuda ka koi roop , aakar nahi hota h agar kisi ka aakar hai to woh phir insaan kahlata hai yeh main nahi kah raha hu yeh khud sochne wali baat hai
    5.jo tumne gunaah kiya hai na agar saari umar apna sir sajda me patkoge na to bhi shayad koi faida nahi
    6.firon ke baare me jaante ho na nahi jaante hoge to jaanne ki kosish krna sab samajh me aa jayega tumhe …..

  13. Phli baat to ye jo log kh rhe h ki raam bhagawan nhi mohhmad ke braber nhi hmare mohhmad noor se badker h,are bhai honge hm kab mna kr rhe h,per hum to ekta dikhana chahte hper aap logo ko to ye manjur nhi h na ,agar apke mohhmad noor h to hmre shree krishan ke mukable aese lakho noor fike h,me kisi ki bhawnao ko thes nhi phuchana chahti,per jo log darm ke naam pr logo ko bate ye manjur nhi,her dhrm apne aap me koi na koi khasiyat rkhta h, hm bhi ye mante h ki bhagwan ka koi shrir nhi na hi uska koi gyata,per log use samajh nhi pa rhe the isliye unhone khud aaker hm ko gyan diya ,hmare samne achhaiyo ki mishal kayam ki,itne dyawan h hmare prbhu,or jo log unke astitv pr swal utha rhe h unhe phle apne aap se ye poochna chaiye ki 612 bc se phle ve kis dharm ke the,or aapki kuran jo h usme brdanta de rkhi h,jiska matalav allah ki badi nhi balki allah ki rachna h ,per hmare grntho me ullekh milta h jiske liye parmad chaiye🇮🇹🇮🇹per dhrmo se phle hum bhartiye h,hme dharm chodker bhichare se rhna chaiye ,kyoki chahe jaati ho ya darm insan ke shrir me khoon ek hi h,vo apne aastha ka trika h ki hm bhagwan ko mane ya aalah ya kisi or ko ,hm bhartiy h hme isper garv hona chahiye ,mujhe visvas h ki allah bhi hme aese hi dekhker khus hoga ki hm sab pyar se rhe,bharat mata ki jai.🙏🙏

  14. Do not follow any religious book blindly. Everything mentioned there is not 100% suitable now a days. Use mind please , be human. Aaj kal kitne baba and fakir pakde jate hain due to cameras and technology. Pehle bhi sab baba log he the jinhone books etc lkh di God ke naam par. Pehle log utne educated nahin the to kisi ne bol diya God ne mujhe bheja hai meri baat mano. Sabko wo sab thik laga but aajkal padhe likhe log hain to please use mind. Books mein kuch achcha hai kuch galat, andhe mat bano, ek dusre se pyaar karo. Book follow karo ya mat karo…but kisi ko maaro mat. Agar book mein likha hai kisi ko maaro to please book change karo.

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