भाजपा 10 करोड़ लोगोँ के साथ दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी की राजनीति काबिलियत नहीं हिंदू जनमानस के भीतर राष्ट्रवाद एवम भारतीय संस्कृति की हिलोरे लेती भावना है जिसने भाजपा को संसार की सबसे बड़ी पार्टी बनाई ।
वास्तव मेँ मुझे इसका कोई भी हर्ष नहीँ हुआ । क्योंकि यही विपुल जनमानस यदि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ कर ग्रामीण स्तर पर हिंदू निष्ठ भारत के पुनर्निर्माण के लिए कार्य करने को उद्दत होता तो निश्चय ही इस दिन घी के दीए जलाने और घी के लड्डू बांटे जैसा होता ।
कुल मिलाकर हिंदू जनमानस के द्वारा भारतीय जनता पार्टी के लिए जिस प्रकार का उत्साह दिखाया गया वह एक राजनीतिक धोखा ही साबित होगा भविष्य मेँ । मै सभी हिंदुओं से यह अपील करता हूँ जो राजनीतिक उत्साह वह भारतीय जनता पार्टी के साथ दिखाते हे वही उत्साह सामाजिक रुप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ दिखाना चाहिए ।
राजनीति लोगोँ को समझौतावादी और अवसरवादी बनाती हे इसी कारण भारतीय परंपरा मेँ राजनीति से विशेष स्थान धर्म का होता है । क्यूंकि धर्म कभी भी समझौतावादी रवैया अख्तियार नही करके आदर्श एवम नैतिक रवैया अख्तियार करता हे जिससे की संस्कृति का कल्याण हो ।
संसार का इतिहास बताता हे कि वास्तव मेँ राजनीतिक शक्तियो ने कभी संस्कृतियो का उद्धार नहीँ किया और भारत वर्ष मेँ भी एसा ही है । राजनेतिक शक्तियाँ संस्कृति एवँ विचारधारा के पनपने हेतु सही वातावरण बना सकती हे परंतु स्वत:स्फूर्त होकर संस्कृति का उद्धार नहीँ कर सकती । उद्धार के लिए हमेँ विद्वता कौशल चरित्र ओर मजबूत सामाजिक संगठन की आवश्यकता है ।
राजनीति ने पुष्यमित्र शुंग, शकारि विक्रमादित्य, चंद्रगुप्त और हर्षवर्धन ने सिर्फ पनपने का वातावरण दिया था । जबकि वास्तविक शक्तियाँ तो हमारे हिंदू समाज मेँ आदिकाल से निहित हे जिसे हमेँ पुष्पित और पल्लवित करने की आवश्यकता हे ।
सभी अपेक्षाएँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करके घर पर “आज तक” देखते रहने से कुछ नहीँ होगा । स्वयंसेवक वनकर समाज में उतरना होगा हमें अपनी भावी पीढियों के लिए ।
#हुंकार