अंतिम समय में भी सम्भावना छुपी होती है:
एक बूढा खच्चर था जो एक गरीब बूढे किसान की जरूरतों के काम आता था ।
एक दिन जंगल से लकडियाँ लाते वक्त बूढा खच्चर एक संकरे कूएँ में गिर गया । कुल मिलाकर उस खच्चर के बचने की कोई उम्मीद न देख बूढे आदमी ने खच्चर को तडप तडप कर मरने देने से एक अच्छी़ मृत्यु देने के लिए उसे मिट्टी डालकर दफनाने का निर्णय लिया।
आस पास के कुछ लोगों के सहयोग से मिट्टी डाली जाने लगी । बूढे खच्चर यह सब देख कर हताश था पर निराश नहीं । उसने अपने उपर पडने वाली मिट्टी के ढेर को शरीर हिलाकर झाडता रहा और धीरे धीरे मिट्टी के ढेर पर चढते चढते वह थोडा उपर आया और इससे उत्साहित होकर उसकी जीवन रक्षा हेतु बूढे किसान को भी हौसला बढा और उसने भी मिट्टी डालने का क्रम जारी रखा और खच्चर बाहर निकल आया ।
बुजुर्ग की तरकीब:
जब हम समस्याओं में होते हैं तो हमारी स्थिति भी संकरे कूएं में गिरे बूढे खच्चर सी होती है । हर बाह्य परिस्थितियां और सांत्वनाएं हमें उस बुजुर्ग की तरकीबों सी लगती हैं जो मानों दुख और पीडा का कारण जान पडती हैं क्यों कि हम अपनी हताशाओं को निराशा की शून्यता मानकर रिक्त होकर बैठ जाना चाहते हैं ।
बस बहुत कम लोग होते हैं जो अपनी हताशाओं को निराशा न मानकर उससे बाहर निकलने के तरीकों पर विचार करते हैं । ऐसे लोग समस्याओं में भी संभावनाओं पर विचार करते हैं और उसका लिवरेज लेने से नहीं चूकते । ऐसे लोग छोटी छोटी तरकीबों और धैर्य से अपनी विपरीत परिस्थितियों को भी अपने हित में कर लेते हैं । जैसे खच्चर ने सिर्फ अपने उपर पडने वाली हर मिट्टी को झाडते रहने के लक्ष्य से अपनी कब्र की मिट्टी को जीवन दायिनी बना लिया।
कहानी का सन्देश:
नारायण मूर्ति ने विप्रो के रिजेक्शन को अपने हित में प्रयोग कर लिया। डा. कलाम ने पायलट भर्ती के रिजेक्शन को अपने आगे बढने की प्रक्रिया का महत्वपूर्ण मोड माना।
देशद्रोही शक्तियों द्वारा लगातार आरोपित होते नरेन्द्र मोदी जी ने उन आरोपों को ही अपना हथियार बनाकर विरोधियों को पस्त कर दिया । जब कांग्रेस उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री पद से हटवाना चाहती थी तब वह शांति से अपने राष्ट्र नायक बनने की पटकथा की तैयारियों में व्यस्त थे।
बूढे खच्चर की तरह आप भी अपनी हताशा को निराशा में न बदलने दें । यकीन मानें सर्वश्रेष्ठ स्वयं आपका चयन करेगा।