अपनी 14 वर्ष की छोटी सी उम्र में एक बालक घर से निकलकर और अपना देश छोड़कर विदेश चला जाता है और कुछ ही समय बाद विदेश में अरबो का कारोबार स्थापित करके अरबपति बन जाता है। जी हाँ, यह कोई फिल्म की कहानी नहीं बल्कि एक सच्चाई है
यह सच किया है अमेरिका में रहने वाले अरबपति उद्द्यमी, लिविंग इसेंशल्स के सीईओ और फाउंडर मनोज भार्गव ने। मनोज भार्गव महज 14 वर्ष की छोटी सी उम्र में ही भारत छोड़कर अमेरिका चले गये और वहां उन्होंने कई सफल कारोबार खड़े किये और अब वह एक अरबपति बन चुके है और अमेरिका के प्रमुख अरबपतियो में शुमार है
मनोज भार्गव अरबपति उद्द्यमी तो है ही साथ ही साथ वे इसलिए भी बहुत प्रसिद्ध है क्योंकि उन्होंने अपनी संपत्ति का 99 फीसदी हिस्सा सामाजिक कार्यो में लगाने की घोषणा की है।
अरबपति बनने के बाद भी मनोज भार्गव का मन कुछ अलग करने के लिए बैचैन रहता था जिस कारण वे अब अपने बिलियंस इन change के द्वारा भारत सहित पूरी दुनिया में बदलाव लाने के मिशन में लग गये है। मनोज भार्गव उन चन्द लोगो में से है जो धन की अंधाधुंध दौड़ में यकीन नहीं रखते और जिनके लिए सफलता के मायने इस दुनिया में कुछ सार्थक करने में है।
परोपकारी हृदय के धनी मनोज भार्गव ने अपनी करीब 4 अरब डॉलर की संपत्ति का 99 % हिस्सा ऐसे समाधान तलाशने में लगाने का संकल्प लिया है, जिससे दुनिया को बचाया जा सके।
अरबपति मनोज भार्गव कौन है:
आज मनोज भार्गव का परिचय एक आंत्रप्रेन्योर, परोपकारी और Billions in Change आन्दोलन के जनक के रूप में दिया जाता है। मनोज भार्गव का जन्म सन 1953 में लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। मनोज सिर्फ 14 साल की उम्र में ही सन 1967 में ही अमेरिका चले गये थे।
इसके बाद फिलाडेलफिया, पेन्सिल्वेनिया में पले-बढे। हालाँकि, उन्होंने एक साल प्रिंसटन स्कूल में पढाई करने के बाद उसे छोड़ दिया और उसके बाद कई सालो तक भारत और अमेरिका में आध्यात्मिक अध्ययन में लगे रहे।
वर्ष 1990 में भार्गव ने एक प्लास्टिक कम्पनी की स्थापना की, जिसको उन्होंने बाद में एक प्राइवेट इक्वटी फर्म को बेच दिया, लेकिन तब तक उसकी बिक्री 2 करोड़ डॉलर तक पहुँच गई थी। इस पैसे से उन्होंने एक उपभोक्ता उत्पाद कम्पनी लिविंग एस्सेनसिअल्स की शुरुआत की, जिसके द्वारा 2004 में लाये गये 5 ऑवर एनर्जी ड्रिंक को जबरदस्त सफलता मिली। यह एनर्जी ड्रिंक अमेरिका में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और बिकने वाला ब्रांड है।
जूनून कुछ अलग करने का:
अमेरिका जाकर अरबपति कारोबारी बन जाने के बाद भी कुछ न कुछ ऐसा था जो मनोज भार्गव को बैचैन कर रहा था। मन के कोने में कही न कही कुछ अलग करने की धुन सवार थी। इतना बड़ा कारोबार होने के बावजूद परोपकार और समाज सेवा के प्रति उनका रूझान बढ़ता गया। जिस कारण उसी समाज-सेवा ने उन्हें आज इतने बड़े बदलाव करने की प्रेरणा दी।
बदलाव के बारे में वे कहते है “, किसी न किसी को तो बदलाव के लिए आगे आना ही होगा। फिर मैं क्यों नहीं ? किसी न किसी को तो देश-दुनिया बदलने के लिए आगे कदम बढ़ाना ही होगा।
अब बदलाव होगा भारत में:
बिलियंस इन चेंज मिशन के तहत ऐसी इनोवेटिव साइकिल तैयार की गई है, जो भारत के ग्रामीण इलाको में एक नयी क्रांति का आगाज कर सकती है। यह साइकिल मुफ्त में बिजली देगी। इस साइकिल को महज एक घंटे चलाने से एक गरीब ग्रामीण परिवार के 24 घंटे की बिजली जरूरतों की पूर्ति हो सकती है। इनमे लाइट जलाने, छोटा पंखा चलाने और मोबाइल फ़ोन को चार्ज करने जैसी चीजे शामिल है- जाहिर है इन सबके लिए कोई बिल नहीं देना होगा, किसी तरह का ईधन खर्च नहीं होगा और न ही प्रदूषण बढेगा।
इनोवेशन के दुसरे चरण का मिशन ऐसे उत्पादों को लाने पर है जिनसे दुनिया में सार्थक बदलाव लाया जा सके। इसके तहत ऐसे उत्पादों को तैयार व विकसित किया जा रहा है जिनसे जल, उर्जा और स्वास्थ्य से जुडी समस्याओ का समाधान हो सके।
दुनिया में ऐसे करीब 1.3 अरब लोग है, जिनको बिजली नहीं मिल पाती। मुफ्त बिजली की हाइब्रिड स्थिर साइकिल इस जनसंख्या को ही बिजली मुहैया करने के एक उत्पाद के रूप में लाया गया है।
मनोज भार्गव कहते है,” मुझे पूरा भरोसा है की यह इनोवेशन सार्थक साबित होगा और इसका भारत के करोडो लोगो पर स्थायी असर होगा।
जिस तरह आज मनोज भार्गव किसी भी सरकार पर निर्भर नहीं है, बल्कि खुद ही अपने दम पर बदलाव का प्रयास कर रहे है। अगर इसी तरह सभी राष्ट्रों की सरकार मनोज भार्गव का साथ दे तो पूरे विश्व में एक सार्थक परिवर्तन देखने को मिलेगा।
मनोज भार्गव की तरह ही अगर अन्य संपन्न लोग इस बदलाव की मुहिम में शामिल हो जाये तो सब कुछ संभव है। एक उदार और परोपकारी व्यक्तित्व वाले मनोज भार्गव जी के इस अद्भुत मुहिम के लिए नयीचेतना।कॉम की ओर से उन्हें बहुत-बहुत शुभकामनाएं।