अर्देशिर बुर्जोरजी तारापुर के पूर्वज:
तारापुर के पूर्वज श्री रतनजीबा छत्रपति शिवाजी के सेनापति थे जिन्हें शिवाजी ने 600 गाँव दिए थे जिसमें सबसे महत्वपूर्ण था तारापुर । इसी तारापुर के नाम पर इनके वंश का नाम तारापुर पड़ा।
अपने पूर्वजों की महिमा बरकरार रखते हुए चविंड में श्री तारापुर ने जो वीरता दिखाई वो हर पाकिस्तानी को आज भी डराता है । और हर भारतीय के लिए सम्मान की बात है ।
बैटल ऑफ चविंड:
1965 में फिल्लौर सियालकोट की ओर बढ़ते हुए भारतीय सेना को बैटल ऑफ चविंड पाकिस्तान में शत्रु के भयंकर प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। भारतीय सेना का नेतृत्व करते हुए पूना हॉर्स के टैंकों ने पाकिस्तान के 60 टैंकों को मिट्टी में मिला दिया । जबकि भारतीय सेना के 9 टैंक भी बर्बाद हुए ।
इसकी भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह सबसे बड़ा टैक युद्ध था । इस बैटल ऑफ चविंड में भारत ने 518 वर्ग किलोमीटर जमीन भी पाकिस्तान से जीत लिया । जिसे देश ने ताशकंद समझौते में गवां दिया ।
यह कभी न भूलने वाली विजय श्री के नायक थे श्री आर्देशिर तारापुर ।