प्लास्टिक/पॉलीमर करेंसी नोट के लाभ हानि | Polymer Banknotes Advantages Disadvantages

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भारत के वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 09 दिसंबर को संसद में इस बात की घोषणा कर दी है कि जल्दी ही प्लास्टिक के नोट लाए जाएंगे। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक काफी समय से प्लास्ट‍िक करेंसी लॉन्च करने की योजना बना रहा है। फरवरी 2014 में सरकार ने संसद को जानकारी दी थी कि 10 रुपये वाले एक अरब प्लास्ट‍िक नोट छापे जाएंगे और इनके फील्ड ट्रायल के लिए 5 शहर चुने गए हैं। ये शहर थे कोच्च‍ि, मैसूर, जयपुर, शिमला और भुवनेश्वर।

अब देश में एक नया विमर्श चल रहा है की ये प्लास्टिक/पॉलीमर करेंसी नोट किस प्रकार से भारत में भ्रष्टाचार और कालाबाजारी के विरुद्ध सहायक होंगे |

Polymer Banknotes Pros and Cons in Hindi

प्लास्टिक/पॉलीमर करेंसी नोट के फायदे |Polymer Banknotes Advantages:

>>एक अध्यययन के मुताबिक पेपर वाले नोट की तुलना में प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट से ग्लोबल वार्मिंग में 32 फीसदी की कमी और एनर्जी डिमांड में 30 फीसदी की कमी आती है।

>>प्लास्टिक/पॉलीमर करेंसी नोट के सुरक्षा विशेषताओं को आसानी से पहचाना जा सकता है

>>नए प्लास्टिक/पॉलीमर करेंसी नोट में एडवांस्ड सुरक्षा विशेषताएं होती हैं।

>>प्लास्टिक/पॉलीमर करेंसी नोट की नकल करना मुश्किल है।

>>प्लास्टिक/पॉलीमर करेंसी नोट की उम्र कागज के नोटों से कम से कम 2.5 गुना ज्यादा होती है |

>>प्लास्टिक/पॉलीमर करेंसी नोट की प्रतिस्थापन लागत कम हो जाती है।

>>प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट की उम्र अधिक होने से पर्यावरणीय दुष्प्रभाव कम होगा।

>>प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट पूरी तरह से वाटर प्रूफ होते हैं।

>>प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट गंदगी और नमी के प्रतिरोधी होते हैं।

>>प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट चलन से बहार होने पर पुनर्चक्रण (recyclable) के द्वारा पुनः प्रयोग में लाये जाते हैं। जब की पुराने कागज के नोटों की पुनरावृत्ति नहीं हो सकती है| जब वे उपयोग में नहीं रहते हैं तो रिजर्व बैंक उन्हें जला कर दफनाता है।

>>आप आसानी से कागज के नोटों की तरह (अपने हाथ से) एक प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट फाड़ नहीं सकते।

>>प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट लगभग 100 डिग्री सेल्सियस की क्षमता को बर्दाश्त कर सकते हैं परंतु इसका अर्थ यह नहीं है कि आप इसे लोहे के साथ भट्टी में जला सकते हैं | इसका अर्थ यह है कि किसी भी विपरीत परिस्थिति में जैसे कि घर में आग लग जाने या कार में गर्मी के कारण नोट के खराब होने की संभावना में कमी आती है|

>>प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट की प्रिंटिंग समय के साथ फेड यानि हल्का नहीं होता है|

>>प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट के मुद्रण की लागत पुराने कागज नोट से थोड़ी ज्यादा होती है, लेकिन उच्च स्थायित्व और लंबी उम्र के कारण, मलेशिया ने नए नोटों की उत्पादन लागत पर अधिक बचत किया है।

>>प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट छपाई की उच्च लागत भी एक कारण है कि इसका नकली प्रतिरूप बनाना मुश्किल है।

>>प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट को आसानी से धोया नहीं जा सकता है| यह कपड़े धोने की मशीन में कागज के नोटों की तरह क्षतिग्रस्त नहीं होता है। जब तक आप किसी बेवक़ूफ़ की तरह इसे Clorox ब्लीच में 24 घंटे से अधिक समय के लिए अपने कपड़े न भिगो दें।

>>प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट इकठ्ठा करने वाले लोग दुनिया भर में हैं, जो प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट को अपने संग्रह में नोटों में रखेंगे और यह परोक्ष रूप से सरकार को अतिरिक्त लाभ दे देंगे।

>>प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट को फीड के लिए और एटीएम मशीन या किसी भी पैसा जमा करने वाली मशीन, ATM के उपयोग में गिनती अधिक आसानी से कर सकते हैं।

>>प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट मशीनों में जाम नहीं होता| कागज के नोटों की तुलना में, यह बैंकों या ATM मशीनों में ऑपरेटरों, रखरखाव की लागत कम करता है।

>>प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट, कागज वाले नोटों के समकक्ष पतले होते हैं। कम जगह घेरते हैं, और हलके होते है।

>>प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट पतले व हल्के होने के कारण “कैश लोजिस्टिक्स” यानि मुद्रा के सम्भारतंत्र हेतु सुलभ होंगे और वितरण पर कम लागत आएगी |

प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट पतले व हल्के होने के कारण ATM मशीनों में नोटों की धारिता बढ़ जायेगी और बार-बार नोटों को भरने की लागत खर्च में कमी के साथ ही मशीनों के डाउन टाइम में कमी होगी और नोटों की उपलब्धता और सुलभ होगी |

>>हार्पर एडम्स युनिवर्सिटी के प्रोफेसर फ्रैंक व्रिस्कूप नोटों और इंसानों के हाथों के बैक्टीरिया पर रिसर्च कर रहे हैं। प्रो. व्रिस्कूप ने मीडिया को अपनी रिसर्च के बारे में बताया, “इंसानों के हाथों में पाया जाने वाला बैक्टीरिया प्लास्टिक के नोटों पर उतना नहीं चिपक पाता है, जितना वो कागज के नोटों पर चिपकता है।”

फ़िलहाल दुनियाभर के लगभग 30 देशों में प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट चलती है। प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट चलाने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, कनाडा, फिजी, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, पापुआ न्यू गिनी, रोमानिया और वियतनाम भी शामिल हैं। सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया में जाली नोटों की मुश्किल से निपटने के लिए प्लास्टिक करंसी सर्कुलेशन में लाई गई थी। असल में ऑस्ट्रेलिया में भी नकली नोटों के चलते सरकार को वित्तीय घाटों का सामना करना पड़ रहा था इसलिए साल 1988 में ब्लैक मनी पर नकेल कसने के लिए प्लास्टिक के नोट चलन में लाए गए।

प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट के नुकसान | Polymer Banknotes Disadvantages:

>>चिकने सतह के कारण प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट में फिसलन यानि slippiness होती है और इससे हाथ से या मशीन में गिनती करने में गलती हो सकती है।

>>प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट की उच्च अग्रिम उत्पादन लागतके कारण देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ पड़ेगा |

>>प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट पॉकेट फ्रेंडली नहीं होता क्यों की यह आसानी से फोल्ड करना मुश्किल है।

>>प्लास्टिक/पोलीमर करेंसी नोट स्वचालित भुगतान के मौजूदा प्रणाली और वेंडिंग मशीनों के साथ संगत नहीं है।

 


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Shweta Pratap

I am a defense geek

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