सर्वपल्ली राधाकृष्णन के मोटिवेशनल विचार | Sarvepalli Radhakrishnan Quotes on Education

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डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के ज्ञानी, एक महान शिक्षाविद, महान दार्शनिक, महान वक्ता होने के साथ ही साथ विज्ञानी हिन्दू विचारक थे। डॉक्टर राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किए थे। वह एक आदर्श शिक्षक थे।

‘उपनिषदों को जो भी मूल संस्कृत में पढ़ता है, वह मानव आत्मा और परम सत्य के गुह्य और पवित्र सम्बन्धों को उजागर करने वाले उनके बहुत से उद्गारों के उत्कर्ष, काव्य और प्रबल सम्मोहन से मुग्ध हो जाता है और उसमें बहने लगता है।’                                                                                                                    -डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

सर्वपल्ली राधाकृष्णन के मोटिवेशनल विचार | Sarvepalli Radhakrishnan Quotes on Education in Hindi

  1. मानव का दानव होना उसकी हार है | मानव का महामानव होना उसका चमत्कार है और मनुष्य का मानव होना उसकी जीत है |
  2. जीवन का सबसे बड़ा उपहार एक उच्च जीवन का सपना है|
  3. ञान हमें शक्ति देता है, प्रेम हमें परिपूर्णता देता है|
  4. शांति राजनीतिक या आर्थिक बदलाव से नहीं आ सकते बल्कि मानवीय स्वभाव में बदलाव से आ सकती है|
  5. मौत कभी अंत या बाधा नहीं है बल्कि अधिक से अधिक नए कदमो की शुरुआत है|
  6. हर्ष और आनंद से परिपूर्ण जीवन केवल ज्ञान और विज्ञान के आधार पर संभव है|
  7. जीवन को बुराई की तरह देखता और दुनिया को एक भ्रम मानना महज कृतध्नता है|
  8. धन, शक्ति और दक्षता केवल जीवन के साधन हैं खुद जीवन नहीं|
  9. मनुष्य को सिर्फ तकनीकी दक्षता नही बल्कि आत्मा की महानता प्राप्त करने की भी ज़रुरत है|
  10. मानवीय स्वाभाव मूल रूप से अच्छा है, और आत्मज्ञान का प्रयास सभी बुराईयों को ख़त्म कर देगा|
  11. आध्यात्मक जीवन भारत की प्रतिभा है|
  12. कोई भी जो स्वयं को सांसारिक गतिविधियों से दूर रखता है और इसके संकटों के प्रति असंवेदनशील है वास्तव में बुद्धिमान नहीं हो सकता|
  13. मानवीय जीवन जैसा हम जीते हैं वो महज हम जैसा जीवन जी सकते हैं उसक कच्चा रूप है|
  14. राष्ट्र, लोगों की तरह सिर्फ जो हांसिल किया उससे नहीं बल्कि जो छोड़ा उससे भी निर्मित होते हैं|
  15. धर्म भय पर विजय है; असफलता और मौत का मारक है|
  16. यदि मानव दानव बन जाता है तो ये उसकी हार है , यदि मानव महामानव बन जाता है तो ये उसका चमत्कार है |यदि मनुष्य मानव बन जाता है तो ये उसके जीत है |
  17. कहते हैं कि धर्म के बिना इंसान लगाम के बिना घोड़े की तरह है|
  18. किताब पढना हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची ख़ुशी देता है|
  19. शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध लड़ सके|
  20. हमें मानवता को उन नैतिक जड़ों तक वापस ले जाना चाहिए जहाँ से अनुशाशन और स्वतंत्रता दोनों का उद्गम हो|
  21. एक साहित्यिक प्रतिभा , कहा जाता है कि हर एक की तरह दिखती है, लेकिन उस जैसा कोई नहीं दिखता|
  22. लोकतंत्र सिर्फ विशेष लोगों के नहीं बल्कि हर एक मनुष्य की आध्यात्मिक संभावनाओं में एक यकीन है|
  23. कला मानवीय आत्मा की गहरी परतों को उजागर करती है| कला तभी संभव है जब स्वर्ग धरती को छुए|
  24. पुस्तकें वो साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं|
  25. उम्र या युवावस्था का काल-क्रम से लेना-देना नहीं है| हम उतने ही नौजवान या बूढें हैं जितना हम महसूस करते हैं| हम अपने बारे में क्या सोचते हैं यही मायने रखता है|
  26. केवल निर्मल मन वाला व्यक्ति ही जीवन के आध्यात्मिक अर्थ को समझ सकता है| स्वयं के साथ ईमानदारी आध्यात्मिक अखंडता की अनिवार्यता है|
  27. दुनिया के सारे संगठन अप्रभावी हो जायेंगे यदि यह सत्य कि प्रेम द्वेष से शक्तिशाली होता है उन्हें प्रेरित नही करता|
  28. भगवान् की पूजा नहीं होती बल्कि उन लोगों की पूजा होती है जो उनके के नाम पर बोलने का दावा करते हैं|पाप पवित्रता का उल्लंघन नहीं ऐसे लोगों की आज्ञा का उल्लंघन बन जाता है|

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Shivesh Pratap

Hello, My name is Shivesh Pratap. I am an Author, IIM Calcutta Alumnus, Management Consultant & Literature Enthusiast. The aim of my website ShiveshPratap.com is to spread the positivity among people by the good ideas, motivational thoughts, Sanskrit shlokas. Hope you love to visit this website!

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