हल्दीराम की सफलता की कहानी | Success Story of Haldiram

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हल्दीराम ब्रांड की शुरुआत करने वाले थे गंगाविशन अग्रवाल

हल्दीराम भारत का प्रमुख मिठाई एवं अल्पाहार (स्नैक्स) निर्माता कम्पनी है। यह मूलतः नागपुर (महाराष्ट्र) से आरम्भ हुई और वर्तमान में नागपुर्म कोलकाता, नई दिल्ली तथा बीकानेर में इसकी निर्माण इकाइयाँ हैं। हल्दीराम की अपनी स्वयं की रिटेल चेन स्टोर के अलावा नागपुर, कोलकाता, पटना, लखनऊ, नोएडा और दिल्ली में रेस्तारेन्त हैं। वर्तमान समय में हल्दीराम के उत्पाद विश्व के अनेक देशों में निर्यात किए जाते हैं।

हल्दीराम की सफलता:

हर सफल कहानी के पीछे बहुत सारी मेहनत छुपी होती है और हर सफल व्यापार के पीछे भी किसी व्यक्ति विशेष का विशेष योगदान जुड़ा होता है. किसी भी बड़ी कंपनी की शुरुआत बहुत छोटे लेवल पर ही होती है और किसी परिवार का कोई व्यक्ति ही आने वाली पीढ़ियों को कोई खास विरासत देकर जाता है. इसी तरह की एक कहानी भारतीय प्रसिध्द फूड ब्रांड हल्दीराम की भी है, हल्दीराम भुजियाँ सेव, हल्दीराम की सोहन पपड़ी और अन्य कई प्रकार के नमकीन और स्नेक्स का स्वाद हमारी जुबान पर चढ़ा हुआ है.

परंतु यह शुरुआत से ही इस तरह का मशहूर ब्रांड नहीं था, बल्कि यह भारत के एक शहर बीकानेर में एक छोटे से व्यापारी द्वारा शुरू की गई एक छोटी सी दुकान थी, जिसने आज परिवार के सदस्यों की मेहनत की बदोलत ना केवल खुद करोड़ो का व्यापार स्थापित किया, बल्कि अन्य कई लोगों को भी रोजगार दिया. हमारे इस आर्टिकल में हम हल्दीराम के इतिहास, उसके विकास की कहानी और वर्तमान स्थिति के संबंध में संपूर्ण जानकारी आप तक पंहुचाने की कोशिश कर रहे है, जिससे आप भी इससे प्रोत्साहन प्राप्त कर सके.

हल्दीराम जो आज एक प्रमुख मिठाई और नमकीन निर्माता कंपनी है, मुख्यतः नागपुर में स्थापित है. हल्दीराम के आज की तारीख में 100 से अधिक उत्पादो का निर्माता और विक्रेता है, परंतु इसकी कहानी भारतीय आजादी के पूर्व साल 1937 में शुरू हुई थी, इस समय गंगाविशन अग्रवाल नामक एक व्यक्ति ने अपने शहर बीकानेर राजस्थान में एक नाश्ते की दुकान शुरू की थी.

श्री तनसुखदास जी ने शुरू किया कारोबार:

यह वास्तव में इनके पिता श्री तनसुखदास जी के द्वारा शुरू किया गया भुजियाँ सेव का व्यापार था, परंतु इसका नाम इनके बेटे गंगाविशन जी के इसी छोटे से सेटअप के जरिये बना. इस व्यापार को इसके आगे बढ़ाने का श्रेय तनसुख जी के छोटे बेटे रामेश्वर जी को जाता है, इन्होने ही इस भुजियाँ सेव के व्यापार को आगे बढ़ाते हुये दक्षिण भारत के कलकत्ता में हल्दीराम भुजियावाला के नाम से एक दुकान शुरू करी. और यह नाम और दुकान हल्दीराम की सफलता की कहानी के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ.

वर्तमान में हल्दीराम के मैन्यूफेक्चरिंग प्लांट नागपुर, कोलकाता, दिल्ली और बीकानेर आदि जगह पर स्थित है. इसके अलावा हल्दीराम के स्वयं के रीटेल चेन स्टोर और कई रेस्टोरेंट नागपुर और दिल्ली में भी है. भारत के अलावा अब इस कंपनी के उत्पाद अन्य कई देशो जैसे यूनाइटेड किंगडम, श्रीलंका, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, संयुक्त अरब अमीरटेस, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजिलेंड, जापान और थायलैंड आदि देशो में भी निर्यात होते है.

हल्दीराम ने अपना पहला मेन्यूफेक्चरिंग प्लांट कलकत्ता में डाला था, इसके बाद साल 1970 में कंपनी का अन्य और बड़ा प्लांट दिल्ली में स्थापित किया गया. इसके बाद भारत की राजधानी दिल्ली में इसका एक अन्य प्लांट डाला गया, 1990 में दिल्ली में स्थापित हल्दीराम का यह प्लांट एक रीटेल स्टोर भी है. साल 2003 में हल्दीराम ने अपने उपभोक्ताओं के लिए कनविनियन्स फूड बनाने की प्रक्रिया शुरू की.

साल 2014 में ट्रस्ट रिसर्च एडवाइजरी द्वारा तैयार की गई, एक रिपोर्ट के मुताबिक हल्दीराम भारत की सबसे भरोसेमंद ब्राण्ड्स में 55 वे नंबर पर था.

हल्दीराम के उत्पाद (Haldiram’s Products):

हल्दीराम के अलग-अलग तरह के कुल 400 उत्पाद है, इस तरह एक छोटे से शहर मे भुजियाँ सेव से शुरू करके सैकड़ो उत्पाद की रेंज को अपनी ब्रांड में शामिल करना एक दिन का काम नहीं इसके लिए इस परिवार को कई साल लग गए. इन सैकड़ो उत्पादो में नमकीन, वेस्टर्न स्नेक्स, भारतीय मिठाईया, कूकिस, पापड़ और आचार शामिल है. साल 1990 से कंपनी ने तैयार खाद्य उत्पादो (रेडी-टु-ईट फूड) का उत्पादन भी शुरू किया. आलू से निर्मित पदार्थो को बनाने के लिए विदेश से मशीनरी मँगवाई गई और इस क्षेत्र में भी कंपनी द्वारा बेहतर उत्पाद दिये गए.


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Shivesh Pratap

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