सुहागरात यानि फर्स्ट नाईट शब्द दिमाग में कौंधते ही युवक-युवतियों में जिज्ञासा होती है क्या होगा पहली रात ……और लोग जोश में होंश खो कर उसे ख़राब कर लेते हैं |
नीचे दी गई भूल जो कर सकती है आपके सुहागरात यानि फर्स्ट को फ़ीका;
यह दो जिस्मों नहीं जीवन का मिलन है:
सुहागरात यानि फर्स्ट नाईट को केवल दो बॉडी का मिलन मानना भारी भूल होगी| यह वो सुनहरा अवसर होता है, जब एक-दूसरे से भावनात्मक तौर पर अच्छी तरह जुड़ा जा सकता है| इस मौके पर व्यवहार में सौम्यता बरतकर पार्टनर के दिल पर गहरी छाप छोड़ी जा सकती है|
आपसी सहमति के बिना न करें सेx:
अधिकतर मामलों में लोग सुहागरात यानि फर्स्ट नाईट को सेx करना चाहते हैं, पर ऐसा जरूरी नहीं है कि उसी रात सेx संबंध कायम किया जाए. जब दोनों ही इसके लिए राजी हों, तभी वैसा करें. अगर दोनों में से कोई भी किसी वजह से सेx करने के लिए तैयार न हो, तो इसके लिए जोर-जबरदस्ती कतई न करें.
एक दूसरे पर विश्वास करें:
कई बार लोग सुहागरात यानि फर्स्ट नाईट को अपने जीवनसाथी को शक भरी निगाहों से देखते हैं. इससे उन हसीन लम्हों का मजा तो किरकिरा होता ही है, रिश्ते की बुनियाद भी कमजोर पड़ जाती है. बेहतर यह होता है कि दोनों एक-दूसरे के अतीत की बातें न कुरेदकर, जो जीवन सामने है, उसे सजाने-संवारने की कोशिश करें.
इंटरकोर्स में हड़बड़ी न दिखाएं:
आम तौर पर सुहागरात यानि फर्स्ट नाईट से पहले युवक-युवतियों को एक-दूसरे के शरीर की ठीक तरह से जानकारी नहीं होती है| जब वे पहली बार खुला जिस्म देखते हैं, तो संयम खो देते हैं| इस वजह से वे उस सुख से वंचित रह जाते हैं, जिसकी उन्हें दरकार होती है. बिना फोरप्ले किए कोई भी लड़की क्रीड़ा के लिए जिस्मानी तौर पर तैयार नहीं होती है.
रक्तस्राव होने से घबराएं नहीं:
रक्तस्राव पर दरें नहीं, थोड़े समय में यह रुक जाता है |
सुहागरात यानि फर्स्ट नाईट चाहे किसी महिला के लिए सेx सम्बन्ध का पहला ही अनुभव क्यों न हो, रक्तस्राव कतई जरूरी नहीं है| आम तौर पर Hymen (एक तरह की झिल्ली) किसी अन्य शारीरिक काम के दौरान पहले ही नष्ट हो गई होती है, इसलिए रक्तस्राव की आशंका से डरना गलत है|
साइज़ से सेx पावर का अंदाजा न लगाएं:
यह सोचना सरासर है कि पुरुष के साइज़ से सेx पावर का पता लगाया जा सकता है. कामक्रीड़ा का आनंद जोड़ों के खुशनुमा मानसिक नजरिए और जिंदादिली पर निर्भर है. आकार न के बराबर असर डालता है. सेx पावर लिंग के आकार पर निर्भर नहीं करता है. सुहागरात यानि फर्स्ट नाईट पर इस तरह का कोई तनाव न पालें.
कंडोम के इस्तेमाल पर बात कर लें:
बेहतर होगा कि दोनों बातचीत करके यह पहले ही तय कर लें कि सेx के वक्त कंडोम का इस्तेमाल करना है नहीं. अगर बच्चे पैदा करने की फिलहाल कोई योजना न हो, तो अच्छे कंडोम का इस्तेमाल करना न भूलें| पहली रात में सामान्य कंडोम का प्रयोग ही उचित है …डॉटेड से संभव है कि लड़की को जलन महसूस हो सकती है |
नशे आदि का सेवन कतई न करें:
कुछ युवकों की सोच होती है कि अगर वे सुहागरात यानि फर्स्ट नाईट को शराब आदि का सेवन कर लेंगे, तो उनके भीतर जोश पैदा हो जाएगा. यह सोच गलत है. जोश के लिए सही मानसिक नजरिया ही काफी होता है. शराब की गंध और बहके हुए व्यवहार से जीवनसाथी को तकलीफ उठानी पड़ सकती है.
पीरियड्स की डेट न भूलें:
पीरियड्स की डेट भूलने पर लड़कियों को शादी और सुहागरात यानि फर्स्ट नाईट के दौरान तकलीफ उठानी पड़ सकती है| जो लड़के सुहागरात यानि फर्स्ट नाईट पर संबंध कायम करने को आतुर रहते हैं, उन्हें निराश होना पड़ सकता है| इसका उपाय यह है कि उस समय को विचार कर पहले से ही डॉक्टर की सलाह से वैसी गोलियां ले लें, जिनसे डेट को कुछ दिन आगे बढ़ाना संभव हो|
शरीर की साफ-सफाई बेहद जरुरी:
पहले-पहल सेx के दौरान शरीर की ठीक तरीके से साफ-सफाई का खयाल जरूर रखें. शारीरिक आकर्षण के लिए डियो आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है. पहली बार कोई ऐसी कोर-कसर न छोड़े, जिससे शरीर के प्रति एक दुसरे के मन में किसी तरह की अरुचि पैदा हो|