इस लौकिक संसार में ईश्वर को परिभाषित करने हेतु जिस संस्कृति के मनीषियों ने “त्वमेव माता” कहा । यानि संसार में सबसे उपयुक्त दैविक स्वरूप माता का है । “मातृ…
इस लौकिक संसार में ईश्वर को परिभाषित करने हेतु जिस संस्कृति के मनीषियों ने “त्वमेव माता” कहा । यानि संसार में सबसे उपयुक्त दैविक स्वरूप माता का है । “मातृ…