“केवल थोड़े से कुकर्म, बहुत से गुणों को दूषित करने में समर्थ होते हैं.” -प्लूटार्क “जो मनुष्य अपने क्रोध को अपने ही ऊपर झेल लेता है, वह दूसरों के क्रोध…
“केवल थोड़े से कुकर्म, बहुत से गुणों को दूषित करने में समर्थ होते हैं.” -प्लूटार्क “जो मनुष्य अपने क्रोध को अपने ही ऊपर झेल लेता है, वह दूसरों के क्रोध…