गोविंद के पिता एक रिक्शा चालक थे। बनारस की तंग गलियों में एक छोटे से कमरे में गोविंद का परिवार रहता था, जो बहुत मुश्किल से अपना गुजर-बसर कर पाता…
गोविंद के पिता एक रिक्शा चालक थे। बनारस की तंग गलियों में एक छोटे से कमरे में गोविंद का परिवार रहता था, जो बहुत मुश्किल से अपना गुजर-बसर कर पाता…