हिन्दू परंपरा अद्वितीय क्यों है

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भारत आदिकाल से एक ऐसा देश रहा है जहाँ बाहुबल और क्षात्रधर्म ने पांडित्य और विद्वत्ता का समुचित सम्मान किया है सदैव | विद्वत जन अपने मानक तय करता था और राजनीति और बाहुबल उसे धर्म समझ कर धारण करता था |

रत्नों आभूषणों में लिपटी राजसत्ता …..अधनंगे और दिगम्बरों के सामने साष्टांग होती थी | जब तक यह प्रवाह चलेगा | हिन्दू संस्कृति को कोई मिटा नहीं पायेगा | वास्तव में हिन्दू संस्कृति ही संसार में एक मात्र संस्कृति है जहाँ धर्म और राजसत्ता दो अलग तत्व हैं बाकि पश्चिम के चर्च और अरब के इस्लामिक सार्वभौम में ये दोनों एक ही बात है | शायद इसी कारण से भारत में कभी कोई सामाजिक और धर्म प्रेरित नरसंहार नहीं हुआ और इस राज और धर्म सत्ता के विकेंद्रीकरण से जनता को आगे बढ़ने और स्वतंत्र रहने का लाभ भी मिला |

१३० करोड़ के भाग्य विधाता और एशिया की राजनीती के नायक भारत के प्रधानमंत्री जब शांति कुञ्ज के श्री प्रणव पंड्या के सामने झुकते हैं तो इस भारतीय संस्कृति की ओजस्वी परम्परा की गर्वानुभूति किसे नहीं होगी |

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द्वितीय चित्र में बराक ओबामा और कार्डिनल एडवर्ड इगन बराबरी में बैठ कर वाइन के साथ राजसत्ता का सुख भोगते हुए |

Why Hindu culture is unique!!!

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Shivesh Pratap

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