वन्देमातरम से मुसलमानों को चिढ़ क्यों है?
Why Muslims don’t Like Vande Mataram
वन्देमातरम में आखिर वो क्या बात थी …की भारत मचल और ब्रिटेन दहल उठता था ……
वन्देमातरम पर विरोध करने वाले घटिया और गंदे किस्म के देशद्रोही लोग हैं|
पूरी दुनिया में कोई इसाई या इस्लाम या यहूदी ने अपने वतन की आज़ादी के लिए अपने ईश्वर के अस्तित्व में अपने वतन को नहीं देखा होगा……..कभी भी कहीं भी …..सिर्फ भारत और भारत के हिन्दुओं ने ऐसा किया …….
वन्देमातरम की इन लाइनों पर आँख फूट जाती है कुछ गद्दारों की …..क्यों …..क्यों की वो चाहते हैं की ये अखंड भारत मिट जाए तो अच्छा है|
आइये जानते हैं वंदेमातरम गीत कैसे अपना सर्वस्व झोंक कर देश के लिए लड़ाई लड़ने वाले सनातन धर्म के सत्य को व्यक्त करता है और इसी से मुसलमानों को परहेज़ है|
तुमि विद्या, तुमि धर्म
तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वं हि प्राणा: शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गडि
मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ।। ३
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम्
नमामि कमलां अमलां अतुलां
सुजलां सुफलां मातरम् ।।४
वन्दे मातरम के उपरोक्त लाइनों में कहा गया है;
हे भारत माता तुम्ही विद्या ,धर्मं ,ह्रदय ,मर्म ,प्राण हो …..बाजुओं में तुम ही शक्ति हो ….ह्रदय में तुम ही भक्ति हो …..और तुम्हारी ही प्रतिमा मंदिरों में है …..तुम्ही दुर्गा ,कमला और सरस्वती बन चुकी हो हमारे लिए …..
ये सिर्फ हिन्दू संस्कृति ने किया ……इस तरह से मेरा सब कुछ हर धरम तुम्हारी आज़ादी है ….बस और कुछ नहीं …..तब जाकर इतने वीर हंस हंस कर कुर्बान हुए थे …..ये कुछ भावनाएं थीं जिन्होंने आग लगाया था ………
और ये गद्दार झूठे पाकिस्तान के रूप में इस्लामी मुल्क लेकर ….ऐसी भावनाओं को आज मिटटी में मिला रहे हैं …..सोचिये कहाँ पहोच गए हम ….आज अपने ही पूर्वज ….हमारे पैरों से रौंदे जा रहे हैं ……
उपरोक्त चित्र एच एम् वी के वन्देमातरम के रिकॉर्ड का है जिसे राजघाट पर आदरणीय सुब्बलक्ष्मी और दिलीप कुमार राय जी ने गया था …..अद्भुत और अविस्मरणीय प्रदर्शन |