बाल गंगाधर तिलक के अनमोल विचार | Bal Gangadhar Tilak motivational Quotes in Hindi

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बाल गंगाधर तिलक के अनमोल विचार 
Bal Gangadhar Tilak motivational Quotes in Hindi

 

नाम: बाल गंगाधर तिलक

उपनाम: लोकमान्य तिलक

जन्म: 23 जुलाई 1856 (Ratnagiri, Bombay State, British India) रत्नागिरी जिला, महाराष्ट्र
आन्दोलन: भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम
प्रमुख संगठन: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राष्ट्रीयता: भारतीय
मृत्यु: 1 अगस्त 1920 (Mumbai, British India) बम्बई, महाराष्ट्र
उपलब्धियाँ: “स्वराज्य हा माझा जन्मसिद्ध हक्क आहे आणि ते मी मिळवणारच”, Known as “Father of the Indian unrest.” भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और एक स्वतन्त्रता सेनानी थे।

बाल गंगाधर तिलक पुस्तकें:

  • श्रीमद्भागवतगीता रहस्य अथवा कर्मयोग शास्त्र
  • वेद काल का निर्णय (The Orion)
  • आर्यों का मूल निवास स्थान (The Arctic Home in the Vedas)
  • वेदों का काल-निर्णय और वेदांग ज्योतिष (Vedic Chronology & Vedang Jyotish)
  • श्यामजीकृष्ण वर्मा को लिखे तिलक के पत्र
  • हिन्दुत्व
यदि भगवान छुआछूत को मानते हैंतो मैं उन्हें भगवान नहीं कहूँगा।”

If God is put up with untouchability, I will not call him God.

 

“स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा !”

Swaraj is my birthright, and I shall have it!

 

धर्म और व्यावहारिक जीवन अलग नहीं हैं। सन्यास लेना जीवन का परित्याग करना  नहीं है।  असली भावना सिर्फ अपने लिए काम करने की बजाये देश को अपना परिवार बना मिलजुल कर काम करना है। इसके बाद का कदम मानवता की सेवा करना है और अगला कदम ईश्वर की सेवा करना है।

प्रातः काल में उदय होने के लिए ही सूरज संध्या काल के अंधकार में डूब जाता है और अंधकार में जाए बिना प्रकाश प्राप्त नहीं हो सकता।”

आलसी व्यक्तियों के लिए भगवान अवतार नहीं लेतेवह मेहनती व्यक्तियों के लिए ही अवतरित होते हैंइसलिए कार्य करना आरम्भ करें।

“यह सत्य है कि बारिश की कमी के कारण अकाल पड़ता है, लेकिन यह भी सत्य है कि हमारे लोगों में इस बुराई से लड़ने की शक्ति नहीं है।”

मानव स्वभाव ही ऐसा है कि हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकतेउत्सव प्रिय होना मानव स्वभाव है। हमारे त्यौहार होने ही चाहिए।

क्या पता ये भगवान की मर्जी हो की मैं जिस वजह का प्रतिनिधित्व करता हूँउसे मेरे आजाद रहने से ज्यादा मेरे दुखी होने से अधिक लाभ मिले।”

आप मुश्किल समय में खतरों और असफलताओं के डर से बचने का प्रयास मत कीजिये। वे तो निश्चित रूप से आपके मार्ग में आयेंगे ही।

गर्म हवा के झोंकों में जाए बिनाकष्ट उठाये बिना,पैरों मे छाले पड़े बिना स्वतन्त्रता नहीं मिल सकती। बिना कष्ट के कुछ नहीं मिलता।”

प्रगति स्वतंत्रता में निहित है। बिना स्वशासन के न औद्योगिक विकास संभव है, न ही राष्ट्र के लिए शैक्षिक योजनाओं की कोई उपयोगिता है… देश की स्वतंत्रता के लिए प्रयत्न करना सामाजिक सुधारों से अधिक महत्वपूर्ण है|

भारत का तब तक खून बहाया जा रहा हैजब तक यहाँ सिर्फ कंकाल शेष ना रह जाएं।”

महान उपलब्धियाँ कभी भी आसानी से नहीं मिलती और आसानी से मिली उपलब्धियाँ महान नहीं होतीं।

कमजोर ना बनेंशक्तिशाली बनें और यह विश्वास रखें की भगवान हमेशा आपके साथ है।”

हो सकता है ये भगवान की मर्जी हो कि मैं जिस वजह का प्रतिनिधित्व करता हूँ उसे मेरे आजाद रहने से ज्यादा मेरे पीड़ा में होने से अधिक लाभ मिले।

आपका लक्ष्य किसी जादू से नहीं पूरा होगाबल्कि आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना पड़ेगा।”

भूविज्ञानी पृथ्वी का इतिहास वहां से उठाते हैं जहाँ से पुरातत्वविद् इसे छोड़ देते हैंऔर उसे और भी पुरातनता में ले जाते हैं।

यदि हम किसी भी देश के इतिहास को अतीत में जाएंतो हम अंत में मिथकों और परम्पराओं के काल में पहुंच जाते हैं जो आखिरकार अभेद्य अन्धकार में खो जाता है।

भारत की गरीबी पूरी तरह से वर्तमान शासन की वजह से है।”

एक बहुत प्राचीन सिद्धांत है की ईश्वर उनकी ही सहायता करता है, जो अपनी सहायता आप करते हैं! आलसी व्यक्तियों के लिए  ईश्वर अवतार  नहीं लेता ! वह उद्योगशील व्यक्तियों के लिए ही अवतरित होता है ! इसलिए कार्य करना शुरु कीजिये !

आप केवल कर्म करते जाइएउसके परिणामों पर ध्यान मत दीजिये।”

अपने हितों की रक्षा के लिए यदि हम स्वयं जागरूक नहीं होंगे तो दूसरा कोन होगा? हमे इस समय सोना नहीं चाहिये,हमे अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिये।

कर्त्तव्य पथ पर गुलाब-जल नहीं छिड़का होता है और ना ही उसमे गुलाब उगते हैं.।”

मनुष्य का प्रमुख लक्ष्य भोजन प्राप्त करना ही नहीं है! एक कौवा भी जीवित रहता है और जूठन पर पलता है।

आपके लक्ष्य की पूर्ती स्वर्ग से आये किसी जादू से नहीं हो सकेगी!  आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना है ! कार्य करने और कढोर श्रम करने के दिन यही हैं।”

जब लोहा गरम हो तभी उस पर चोट कीजिये और आपको निश्चय ही सफलता का यश प्राप्त होगा।

                                                                                                                                                        बाल गंगाधर तिलक      

 


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Shweta Pratap

I am a defense geek

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